दस दिनों तक हमारे घरों की रौनक बने बाप्पा अब लौट रहे हैं. ऐसे में गणपति बाप्पा मोरया की गूंज हर तरफ है. अगले बरस आने का वादा मांग रहे श्रद्धालु भाव विभोर हैं. साथ ही अनहोनी से बचने के लिए प्रशासन भी चाक चौबंद है.
विसर्जन के लिए बीएमसी ने किये हैं खास इंतज़ाम
बता दें कि बीएमसी ने 10 हजार कर्मचारियों को ड्यूटी पर लगाया है. विसर्जन के मौके पर मुंबई में किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए करीब साढ़े 18 हजार पुलिस की तैनाती की गई है. इसके अलावा आठ SRPF कंपनियां और एक रैपिड एक्शन फोर्स कंपनी और 750 होमगार्ड के जवान तैनात किये गए हैं.
इस बार मुंबई में गणपति वसर्जन गिरगांव चौपाटी, शिवाजी पार्क, बांद्रा, जुहू और मलाड में होगा. इसके अलावा बीएमसी द्वारा बनाए गए झीलों और तालाबों में भी किया जाएगा. बाप्पा को विदाई देने के लिए उनकी आखिरी झलक पाने के लिए लोगों की भीड़ सड़कों पर सुबह से ही उमड़ रही है.
धार्मिक मान्यता क्या है?
गणेश चतुर्थी में बाप्पा के पधारने की खुशी मनाने के बाद बाप्पा के विसर्जन का अब वक्त आ गया है. अनंत चतुर्दशी यानि आज गजानन को जल में विसर्जित कर दिया जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्रीवेद व्यास ने गणेश चतुर्थी से श्रीगणेश को महाभारत कथा लगातार दस दिन तक सुनाई थी. दस दिन बाद जब वेद व्यास जी ने आंखें खोलीं तो पाया कि दस दिन की मेहनत के बाद गणेश जी का तापमान बहुत बढ़ गया है. ऐसे में वेद व्यास जी ने तुरंत गणेश जी को निकट के सरोवर में ले जाकर ठंडे पानी से स्नान कराया था. इसलिए गणेश स्थापना कर चतुर्दशी को उनको शीतल किया जाता है.
गणेश चतुर्थी और विसर्जन की महिमा
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से गणेशोत्सव की शुरुआत होती है.
भगवान गणेश की उपासना चतुर्दशी तिथि तक होती है.
श्री गणेश प्रतिमा की स्थापना चतुर्थी तिथि को की जाती है.
विसर्जन चतुर्दशी तिथि को किया जाता है.
ये नौ दिन गणेश नवरात्रि कहे जाते हैं.
मान्यता है कि प्रतिमा का विसर्जन करने से भगवान पुनः कैलाश पर्वत पर पंहुंच जाते हैं.
स्थापना से ज्यादा विसर्जन की महिमा होती है.
इस दिन अनंत शुभ फल प्राप्त किये जा सकते हैं.
इसलिए इस दिन को अनंत चतुर्दशी भी कहते हैं.
इस दिन कुछ विशेष उपाय करके जीवन मुश्किल समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है.
बता दें कि गणेश चतुर्थी के दिन गणपति को अपने घर बुलाने के बाद उनकी सेवा सत्कार के बाद उनकी विदाई पर ध्यान देना भी बहुत ज़रूरी होता है. जिस प्रकार पूरे विधि विधान से भगवान गणेश की स्थापना की जाती है, ठीक उसी तरह पूरे विधि विधान से उनका विर्सजन भी किया जाता है और अगले वर्ष जल्दी आने की कामना करते हैं.
गणपति विसर्जन में इन बातों का रखें विशेष ध्यान
इस दिन सुबह से उपवास रखना जरूरी है.
उपवास ना रख पाएं तो फलाहार करें.
घर में स्थापित प्रतिमा का विधिवत पूजन करें.
पूजन में नारियल, शमी पत्र और दूब जरूर अर्पित करें.
प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जायें.
प्रतिमा छोटी हो तो गोद या सिर पर रखकर ले जाएं.
प्रतिमा को ले जाते समय भगवान गणेश को समर्पित अक्षत घर में जरूर बिखेर दें.
चमड़े की बेल्ट, घड़ी या पर्स पास में ना रखें.
नंगे पैर ही मूर्ति को ले जाएं और विसर्जन करें.
प्लास्टिक की मूर्ति या चित्र ना स्थापित करें और ना ही विसर्जन करें.
विसर्जन के लिए मिट्टी की प्रतिमा सर्वश्रेष्ठ है.
विसर्जन के बाद हाथ जोड़कर भगवान गणेश से कल्याण और मंगल की कामना करें.
बता दें कि गणपति विसर्जन के साथ आज गणेशोत्सव का समापन हो जाएगा. मुंबई में गणेशोत्सव के नौवें दिन भी गणपति पंडालों में मंगलमूर्ति के दर्शनों के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती रही. मशहूर कारोबारी मुकेश अंबानी भी मुंबई में लालबाग के राजा के पंडाल में दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे थे.
ये भी पढ़ें: