Statue of Equality: जानिए देश में बन रही संत रामानुजाचार्य की 216 फुट ऊंची प्रतिमा के बारे में, जिसके लिए दुनिया भर के भक्तों ने दिया है 1 करोड़ का दान

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु चिन्ना जीयर स्वामी के साथ कार्यक्रम की सह-मेजबानी करेंगे. इस समारोह में कई अन्य मुख्यमंत्री, राजनेता, मशहूर हस्तियां और अभिनेता भी शामिल होंगे. आपको बता दें, इस प्रोजेक्ट पर 1,000 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं, जो पूरी तरह से वैश्विक स्तर पर भक्तों के दान से आए हैं.

Statue of Equality: संत रामानुजाचार्य
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 21 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 3:44 PM IST
  • प्रोजेक्ट के लिए भक्तों ने किया 1 करोड़ का दान
  • 5 भाषाओं में होगी ऑडियो गाइड

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 फरवरी को हैदराबाद में 11वीं सदी के संत और समाज सुधारक रामानुजाचार्य की 216 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे. इस मूर्ति को 'स्टेचू ऑफ़ इक्वलिटी' के नाम से जाना जाएगा. ये शहर के बाहरी इलाके शमशाबाद में 45 एकड़ के परिसर में स्थित है.

आयोजकों ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 फरवरी, 2022 को स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी को दुनिया को समर्पित करेंगे. यह 11वीं शताब्दी के भक्ति संत और क्रांतिकारी समाज सुधारक संत रामानुजाचार्य की 216 फुट ऊंची प्रतिमा है. 

सबसे बड़ा आयोजन रामानुज सहस्राब्दी ‘समारोहम’

रामानुजाचार्य की 1,000वीं जयंती के मौके पर सामूहिक मंत्र-जाप जैसी आध्यात्मिक गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा. 1035 यज्ञ कुंड के साथ इसे आधुनिक इतिहास का सबसे बड़ा आयोजन कहा जा रहा है. बता दें, ये दो फरवरी से शुरू होगा. इस आयोजन को रामानुज सहस्राब्दी ‘समारोहम’ का नाम दिया गया है.

कौन हैं संत रामानुजाचार्य? 

संत रामानुजाचार्य का जन्म सन 1017 में तमिलनाडु में श्रीपेरंबदूर गांव में हुआ था. उनका जन्म एक तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ, बड़े होकर उन्होंने अलवार यमुनाचार्य से कांची में दीक्षा ली.  संत रामानुजाचार्य ने भारत भर में घूमकर वेदांत और वैष्णव धर्म का प्रचार प्रसार किया. संत रामानुजाचार्य ने कई संस्कृत ग्रंथ भी लिखें है, जैसे श्रीभाष्यम्, वेदांत संग्रह आदि. 

प्रोजेक्ट के लिए भक्तों ने किया 1 करोड़ का दान 

विज्ञप्ति में कहा गया है कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु चिन्ना जीयर स्वामी के साथ कार्यक्रम की सह-मेजबानी करेंगे. इस समारोह में कई अन्य मुख्यमंत्री, राजनेता, मशहूर हस्तियां और अभिनेता भी शामिल होंगे. आपको बता दें, इस प्रोजेक्ट पर 1,000 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं, जो पूरी तरह से वैश्विक स्तर पर भक्तों के दान से आए हैं.

क्या है खासियत?

साल 1137 में श्रीरंगम में रामानुजाचार्य ने 120 साल की आयु में अपना देह त्याग दिया था. रामानुजाचार्य का गर्भगृह 120 किलोग्राम सोने से बना है, जो संत के इस पृथ्वी पर से रहने के  120 साल को दिखाता है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 13 फरवरी को संत रामानुजाचार्य की प्रतिमा के भीतरी कक्ष का अनावरण करेंगे. 

216 फुट ऊंची मूर्ति

आपको बता दें, ये मूर्ति 216 फुट ऊंची होगी, जिसमें संत रामानुजाचार्य बैठने की मुद्रा में होंगे. ये सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक होगी. मूर्ति 'पंचलोहा' से बनी है, जो पांच धातुओं - सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता का मिश्रण है.

5 भाषाओं में होगी ऑडियो गाइड 

आपको बता दें, मंदिर में आये दर्शनार्थियों को 5 भाषाओं में ऑडियो गाइड मिलेगी. जिसमें अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, तेलुगु सहित एक और भाषा शामिल है. मंदिर में संत रामानुजाचार्य के पूरे जीवन को चित्रों और वीडियो में दिखाया जाएगा. 

साथ ही, 'भद्र वेदी' नाम की 54 फुट ऊंची इमारत में वैदिक डिजिटल लाइब्रेरी और रिसर्च सेंटर, प्राचीन भारतीय ग्रंथों, एक थिएटर, एक एजुकेशन गैलरी भी होगी. 
 

 

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