Basant Panchami 2023: पढ़ाई में कमजोर छात्र बसंत पंचमी वाले दिन इस तरह करें मां सरस्वती की विशेष पूजा, होगी ज्ञान की प्राप्ति

इस साल बसंत पंचमी 26 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी. इस दिन 74वां गणतंत्र दिवस भी मनाया जाएगा. बसंत पंचमी वाले दिन उत्तराभाद्रपद नक्षत्र होने से छत्र योग बन रहा है.

Basant Panchami
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 25 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 1:02 PM IST

माघ महीने की शुक्ल पंचमी को बसंत पंचमी होती है. इसी दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती हैबसंत को ऋतुओं का राजा माना जाता हैऔर बसंत पंचमी बसंत ऋतु के आगमन का सूचक है. इस दिन प्रकृति के सौंदर्य में अनुपम छटा के दर्शन होते हैं. पेड़ों के पुराने पत्ते झड़ जाते हैं. मनमोहक फूलों से धरती प्राकृतिक रूप से संवर जाती है. खेतों में सरसों के पीले फूलों की चादर बिछी होती है. बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की उपासना का विशेष महत्व है. ज्योतिषी तो यहां तक कहते हैं कि अगर आपकी कुंडली में कुछ ग्रहों की कमजोर स्थिति आपकी समस्याएं बढ़ा रही है तो वसंत पंचमी के दिन आप कुंडली के उन ग्रहों को मज़बूत करने के अचूक उपाय भी कर सकते हैं.

बसंत पंचमी पर ग्रह बनेंगे मज़बूत

  • कुंडली में बुध कमजोर हो तो बुद्धि कमजोर हो जाती है. 
  • ऐसी दशा में मां सरस्वती की उपासना करें. 
  • मां सरस्वती को हरे फल अर्पित करें.
  • बृहस्पति कमजोर हो तो विद्या प्राप्त करने में बाधा आती है.
  • वसंत पंचमी के दिन पीले कपड़े पहनकर मां को पीले फूल और फल अर्पित करें.
  • अगर शुक्र कमजोर हो तो मन की चंचलता रहती है, करियर का चुनाव नहीं हो पाता. 
  • ऐसी दशा में सफ़ेद फूलों से  मां सरस्वती की उपासना करें.

इस दिन मां सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व है. अगर पूरे श्रद्धा-भाव के साथ मां की पूजा की जाए तो मां इसके फलस्वरूप ज्ञान का आशीर्वाद देती है. मां सरस्वती की पूजन विधि.

- इस दिन पीले , बसंती या सफ़ेद वस्त्र धारण करें ,काले या लाल वस्त्र नहीं
- पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें  
- सूर्योदय के बाद ढाई घंटे या सूर्यास्त के बाद के ढाई घंटे का प्रयोग इस कार्य के लिए करें
- मां सरस्वती को श्वेत चन्दन, पीले तथा सफ़ेद पुष्प जरूर अर्पित करें 
- प्रसाद में मिसरी,दही समर्पित करें
- केसर मिश्रित खीर अर्पित करना सर्वोत्तम होगा 
-  "ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः" का जाप करें 

 

Read more!

RECOMMENDED