साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग चुका है. सूर्य ग्रहण की शुरुआत दोपहर 02 बजकर 29 मिनट से आइसलैंड से हो चुकी है. भारत में 4 बजकर 19 मिनट पर शुरू हुआ सूर्य ग्रहण शाम 6 बजकर 9 मिनट पर खत्म होगा. भारत में अगला सूर्य ग्रहण दो अगस्त 2027 को दिखाई देगा, जो पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा. सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसका आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही क्षेत्रों में काफी महत्व है. सूर्यग्रहण को भले ही पूरी दुनिया वैज्ञानिक चश्मे से देखती हो लेकिन कम से कम भारत में इस खगोलीय घटना को विज्ञान, धर्म और आस्था के नजरिए से देखा जाता है.
चलिए जानते हैं सूर्य ग्रहण के बारे में ये बातें
103 साल पहले यूनाइटेड किंगडम के रहने वाले सर आर्थर एडिंगटन ने विज्ञान के जरिए ग्रहण को एक खगोलीय घटना साबित किया था.
हर 18 महीने में दुनिया के किसी न किसी हिस्से में सूर्य ग्रहण जरूर लगता है.
ज्यादातर एक साल में 2 बार सूर्य ग्रहण होता है. अधिक से अधिक ये संख्या 5 तक जा सकती है, लेकिन ऐसा बहुत कम होता है.
नासा के मुताबिक पिछले 5 हजार साल में सिर्फ 25 साल ऐसे रहे हैं जब एक साल में 5 बार सूर्यग्रहण पड़े। आखिरी बार 1935 में सालभर के अंदर 5 बार सूर्यग्रहण पड़े थे. अगली बार ऐसा 2206 में होगा.
महर्षि अत्रि ग्रहण के ज्ञान को देने वाले प्रथम आचार्य माने गए हैं.
ज्यादातर सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन होते हैं, क्योंकि तब चंद्रमा पृथ्वी के करीब होता है.
सूर्य सूर्य ग्रहण कल पड़ेगा, ठीक वैसा ही सूर्य ग्रहण 6,585.32 दिन (18 साल 11 दिन) बाद भी पड़ेगा.
सूर्य ग्रहण के वक्त पृथ्वी पर चंद्रमा की परछाईं पड़ती है, जो 1100 मील प्रति घंटा की रफ्तार से इक्वेटर पर ट्रेवल करती है.