Surya Grahan 2023: साल का पहला सूर्य ग्रहण...सूतक काल से लेकर ग्रहण की अवधि और इस दौरान क्या करें क्या नहीं, जानिए सबकुछ

2023 का पहला सूर्य ग्रहण लग गया है. यह ग्रहण दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा. सूर्य ग्रहण की स्थिति तब बनती है जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है. ऐसी स्थिति में सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता है.

सूर्य ग्रहण
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 19 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 8:15 AM IST

साल का पहला सूर्य ग्रहण सुबह 7:04 बजे से लग गया है. जबकि दोपहर 12:29 बजे तक रहेगा. सूर्य ग्रहण के दौरान, चंद्रमा सूर्य के सामने आ जाता है और पृथ्वी पर कुछ स्थानों से सूर्य को देखना कठिन बना देता है. इसे हाइब्रिड सूर्य ग्रहण कहा जा रहा है क्योंकि यह वलयाकार ग्रहण और पूर्ण सूर्य ग्रहण का संयोजन होगा. हाइब्रिड सूर्य ग्रहण के बाद इस साल सिर्फ एक सूर्य ग्रहण लगेगा जोकि 14 अक्टूबर को लगेगा.

कहां दिखेगा?
ज्योतिष के मुताबिक सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण से कुछ घंटे पहले का समय ऐसा होता है जब प्रकृति संवेदनशील हो जाती है और वातावरण में नकारात्‍मकता फैल जाती है. इस काल या समय को अशुभ माना जाता है. इसे ही सूतक काल कहा जाता है. यह भारत में नहीं दिखाई देगा. हिंदू परंपरा में, लोगों का मानना ​​है कि सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए. भले ही आप इस ग्रहण को भारत से नहीं देख सकते हैं, फिर भी आपको सावधान जरूर रहना चाहिए. ये ग्रहण  कंबोडिया, चीन, अमेरिका, माइक्रोनेशिया, मलेशिया, फिजी, जापान, समोआ, सोलोमन, बरूनी, सिंगापुर, थाईलैंड, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, वियतनाम, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, इंडोनेशिया, फिलीपींस, दक्षिण हिंद महासागर, दक्षिण प्रशांत सागर, और न्यूजीलैंड में देखा जा सकेगा.आइए जानते हैं इस दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं.

सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें?

  1. यह सलाह दी जाती है कि सूर्य ग्रहण के दौरान सोने से बचें, खासकर वृद्ध या बीमार लोगों के लिए, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इसका स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
  2. सूर्य ग्रहण के दौरान खाना पकाने और खाने से बचना चाहिए क्योंकि यह आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है.
  3. ऐसा माना जाता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान देवी-देवताओं को छूना या उनकी पूजा नहीं करनी चाहिए. ग्रहण के बाद, सब कुछ धोने और प्रार्थना करने की सलाह दी जाती है.
  4. सूर्य ग्रहण लगने पर भगवान शिव के मंत्रों का जाप किया जाता है.
  5. सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद व्यक्ति को स्नान करना चाहिए.
  6. घर पर गंगाजल छिड़ककर घर की सफाई की जाती है.

क्या न करें?

- इस दौरान खाना बनाना और खाना वर्जित होता है.

- ग्रहण को खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए.

- ग्रहण के दौरान लोगों को सोना नहीं चाहिए।

- सूर्य ग्रहण से पहले तुलसी के पत्ते, जल और अन्न सहित सभी प्रकार का भोजन घर में कर लेना चाहिए.

- धारदार वस्तु जैसे कैंची, चाकू या सुई का उपयोग करने से बचना चाहिए.

इन सभी नियमों के साथ प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए कुछ खास नियम बनाए गए हैं.

1. यह सलाह दी जाती है कि गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण की पूरी अवधि के दौरान घर के अंदर ही रहना चाहिए. इस दौरान बाहर जाने से मां और अजन्मे बच्चे दोनों पर प्रभाव पड़ सकता है. पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण की छाया भी गर्भ में पल रहे बच्चे को छूने से रोकनी चाहिए.
2. उन्हें सुई, कैंची, चाकू आदि नुकीली चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से गर्भ में पल रहे बच्चे पर हानिकारक शारीरिक प्रभाव पड़ सकता है।
3. धातु विशेषकर साड़ी पिन, हेयर पिन, कसने वाली पिन और गहने आदि पहनने से बचें.
4. कुछ शास्त्रों का सुझाव है कि महिलाओं को दूर्वा घास के बिस्तर पर ही बैठना चाहिए और संतान गोपाल मंत्र का जाप करना चाहिए.
5. गर्भवती महिलाओं को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सूर्य ग्रहण नहीं देखना चाहिए. ऐसा करने से उनकी आंखों और संपूर्ण स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है.


 

 

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