महाकुंभ (Mahakumbh 2025) को लेकर बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने कहा कि कुंभ में कोई भी वाद-विवाद नहीं होना चाहिए. प्रयागराज में हर तरफ आस्था के रंग बिखरे हैं. संगम नगरी में श्रद्धालुओं के जुटने का सिलसिला शुरु हो गया है. इस साल 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के प्रयागराज में महाकुंभ में आने की संभावना है.
पूरे देश से तमाम श्रद्धालु तीर्थ के लिए यहां पहुंच रहे हैं. साधु संतों के जुटने का सिलसिला भी चल रहा है. सभी अखाड़ों के महंत पहले ही प्रयागराज के महाकुंभ क्षेत्र में पहुंच चुके हैं. आस्था के इस महा आयोजन के लिए सुरक्षा के इंतजाम भी कड़े किए गए हैं.
महाकुंभ को लेकर योग गुरु रामदेव ने गुड न्यूज टुडे के साथ खुलकर बात की है. इस दौरान बाबा रामदेव ने महाकुंभ के महत्व, इस पर हो रही सियासत, अखाड़ों और सनातन पर चर्चा की. बाबा रामदेव महाकुंभ पर क्या-क्या बोले? आइए इस बारे में जानते हैं.
महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ पर बाबा रामदेव ने बताया कि उस समय ऐसा संयोग बनता है जो हमें पराशक्तियों से जोड़ता है. कुंभ का 99 फीसदी जो महत्व है वो अमूर्त है इसलिए दैवीय अमूर्त है.
बाबा रामदेव ने कहा, कुंभ में हमको पूरी श्रद्धा के साथ स्नान करना चाहिए. किसी भी तरह के वाद-विवादों से दूर रहकर सनातन के मूल आचरण का पालन करना चाहिए. कुंभ में स्नान करने से पाप धुलने के लोग योग गुरू ने कहा, कर्म का लेखा-जोखा कोई काट नहीं सकता. आपने पहले जो कर्म कर लिए उनका तो फल जरूर मिलेगा. महाकुंभ में स्नान कर नए संकल्प लिए जा सकते हैं.
युद्ध जैसा माहौल बना दिया
बाबा रामदेव ने कहा कि कुंभ की सकारात्मकता को जिएं. वैसे तो कुंभ का यही तात्पर्य है लेकिन कोई न कोई मजहबी बखेड़े और उन्माद पैदा करना चाहता है. कोई आपस में बहिष्कार की बात कर रहा है. लोगों ने इसे युद्ध जैसा माहौल-सा बना दिया है. ऐसा नहीं होना चाहिए.
अखाड़ों में योग गुरू बाबा रामदेव ने कहा, अलग-अलग प्रकार की जो हमारी संप्रदाय परंपरा है, सभी पर समान रूप से विश्वास रखते हैं. उन्होंने कहा कि आदि शंकाराचार्य ने उस समय सनातन की रक्षा के लिए अखाड़ों की स्थापना की थी. उन्होंने सन्यासी भी तैयार किए.
योग गुरू ने कहा, सनातन शाश्वत सच है. उस समय दूसरी समस्या थीं. आज दूसरी समस्याएं हैं. आज लोग सनातन को आचरण में नहीं ला रहे हैं. आज के समय में भी हमें सनातन को साथ लेकर चलना होगा. हम 100 करोड़ लोग सनातनी है लेकिन दुनिया भर में 500 करोड़ से ज्यादा लोग सनातन में श्रद्धा रखते हैं.
कुंभ स्नान में संकल्प लें
महाकुंभ में जाने वाले आमजन पर बाबा रामदेव ने बताया, कुंभ में जाने से पहले अपने मन में ये विचार करें कि वहां सिर्फ स्नान ही नहीं करना है. स्नान के साथ ऐसे संकल्प करना है. सदा सत्य, धर्म और न्याय के रास्ते पर चलूंगा. उन्होंने कहा, जो जा सकते हैं वो जरूर जाएं. जो लोग कुंभ नहीं जा सकते तो वो घर पर ही बैठकर जप-तप करें.
छोटी उम्र में सन्यास लेने वालों पर बाबा रामदेव ने कहा कि हमने 250 से ज्यादा सन्यासी तैयार किए हैं. ये कोई कौतूहल का विषय नहीं है. जो भी इस मार्ग पर आ रहे हैं, उनका स्वागत है हालांकि, ये सरल मार्ग नहीं है. अनादि काल से हमारे ऋषि-मुनियों ने तप किया. उसी से तो हमारा सनातन आज जिंदा है.