आस्था के महाकुंभ में बाबाओं की दुनिया रहस्य और रोचक किस्सों से भरी है. ऐसे ही एक बाबा हैं, जिन्हें कुंभ में डिजिटल बाबा के नाम से जाना जाता है. डिजिटल बाबा वाकई में डिजिटल हैं. उनके पास अपना खुद का हाईटेक मोबाइल, ट्राइपॉड, लैपटॉप जैसे संचार के साधन है. वो महाकुंभ क्षेत्र घूम-घूम कर लोगों तक सनातन और कुंभ की महिमा का बखान कर रहे हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव भी करते हैं, ताकी कुंभ मेला में आने वाले श्रद्धालु इसे देख और सुन सकें.
कहानी भी है दिलचस्प
कॉमर्स के स्टूडेंट की डिजिटल बाबा बनने की कहानी भी दिलचस्प है. स्नातक की पढ़ाई के दौरान बाबा ने थिएटर आर्ट्स के प्रेम में अभिनेता बनने की तरफ स्वामी राम शंकर को प्रेरित किया. लेकिन जल्दी ही राम शंकर ने फिल्मी दुनिया से नाता तोड़कर सन्यास ग्रहण कर लिया.
नवंबर 2008 में वे बिना बताए घर छोड़कर सीधे अयोध्या पहुंच गए. स्वामी शिवचरण दास से दीक्षा लेकर वैष्णव परंपरा मेहंदी चढ़ी. 4 माह तक अयोध्या में रहने के बाद गुरुकुल अहमदाबाद गुजरात पहुंचे. 7 साल तक संगीत और वैदिक ज्ञान लेने के बाद राम शंकर ने डिजिटल बाबा का रूप लिया. क्योंकि वे काफी युवा थे और उन्हें सोशल प्लेटफॉर्म का महत्व भी पता था. लिहाजा अपनी बातों को रखने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया के प्लेटफार्म का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया.
9 साल से घूम रहे भारत
तकरीबन 9 साल भारत भ्रमण के बाद डिजिटल बाबा ने खुद को हाईटेक तरीके से डिजिटल उपकरणों से लैस कर लिया. बाबा युवा पीढ़ी को सनातन वैदिक एवं संत परंपरा को डिजिटल तरीके से समझा व बता रहे हैं. कुंभ में डिजिटल बाबा जहां भी खड़े होते हैं, लोगों की भीड़ खुद ब खुद लग जाती है.
हिमाचल प्रदेश में रहते हैं बाबा
स्वामी रामशंकर उर्फ डिजिटल बाबा ने बताया कि वे मूल रूप से यूपी के देवरिया जिले के रहने वाले हैं. मौजूदा समय में वे बैजनाथ धाम कांगड़ा हिमाचल प्रदेश में रहते हैं. उन्होंने गोरखपुर यूनिवर्सिटी से कॉमर्स से स्नातक कर रखा है. डिजिटल बाबा के पिता पंडित नंदकिशोर मिश्रा कर्मकांडी आचार्य हैं और मां रंजना देवी ग्रहणी हैं. छोटा भाई उदय मिश्र गोरखपुर इंटर कॉलेज में शिक्षक हैं और बहन विजयलक्ष्मी कथक नृत्यांगना हैं.
(आनंद राज की स्टोरी)