उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती का मिलन होता है. इनके संगम पर स्नान करना हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है. यहां हर साल माघ मेला, 6 साल पर अर्धकुंभ और 12 वर्ष पर महाकुंभ मेले का आयोजन होता है. आइए जानते हैं किस दिन से लगेगा माघ मेला और संगम पर कब डुबकी लगाने से पुण्य मिलेगा?
महाकुंभ की तैयारी का खाका तैयार
2025 में संगम पर महाकुंभ लगने वाला है. ऐसा माना जा रहा है कि 2024 का माघ मेला महाकुंभ का ट्रायल होगा. 1 साल पहले ही महाकुंभ की तैयारी का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है. इस साल माघ मेले में पहली बार अप्रवासी भारतीय हेरिटेज वॉक करेंगे.
कब है मौनी अमावस्या
संगम की रेत पर लगने वाले माघ मेला की तैयारी पूरी कर ली गई है. अबकी बार एक जनवरी से ही माघ मेला शुरू है. वहीं मकर संक्रांति का मेला 14 और 15 जनवरी को निर्धारित है. संगम पर होने वाले स्नान में सबसे बड़ा स्नान मौनी अमावस्या का माना जाता है. इस दिन देश-विदेश से करोड़ों लोग आकर संगम में डुबकी लगाते हैं. मौनी अमावस्या का स्नान अबकी बार 21 जनवरी को है. मौनी अमावस्या का स्नान सुबह 4:00 बजे से ही शुरू हो जाएगा. मौनी अमावस्या में पहला स्नान नागा साधु करते हैं. इनके लिए अलग से घाट का भी निर्माण कराया जाता है.
इस दिन है पूर्णिमा और महाशिवरात्रि का स्नान
मौनी अमावस्या के बाद मां की पूर्णिमा स्नान और महाशिवरात्रि का स्नान प्रमुख स्नान होता है. 5 फरवरी को मां की पूर्णिमा और 18 फरवरी 2024 को महाशिवरात्रि का स्नान है. यह स्नान माघ मेले का अंतिम स्नान होता है. इसके बाद से माघ मेला खत्म हो जाता है.
अप्रवासी भारतीय शहर के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को देखेंगे
इस साल माघ मेले में अप्रवासी भारतीय हेरिटेज वॉक करेंगे. 15 सदस्यीय अप्रवासी भारतीय शहर के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को देखेंगे. माघ मेला में साधु-संतों के दर्शन करेंगे. अप्रवासी भारतीयों का ग्रुप पहली बार माघ मेला में हेरिटेज वॉक करेगा. इससे पहले 2013 और 2019 के कुंभ में अप्रवासी भारतीय और विदेशी हेरिटेज वॉक का हिस्सा बने थे.
साधु-संतों के करेंगे दर्शन
माघ मेला के पहले स्नान पर्व पर अप्रवासी भारतीय संगम में डुबकी लगाने के बाद पहले साधु-संतों के दर्शन करेंगे. इसके बाद हेरिटेज वॉक के तहत शहर के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को देखेंगे. अप्रवासी भारतीय लेटे हनुमान जी, अक्षयवट वृक्ष, पातालपुरी मंदिर में दर्शन करेंगे. नौका विहार का आनंद लेंगे. शंकर विमान मंडपम के साथ अन्य ऐतिहासिक स्थलों को देखेंगे. सभी को संगम, कुम्भ, माघ मेला के इतिहास और महत्व की जानकारी दी जाएगी. अखाड़ों के बारे में बताया जाएगा. इसके बाद सभी की वापसी होगी. हेरिटेज वॉक के दौरान सभी जानकारी देने के लिए उनके साथ गाइड होंगे.