हर महीने अमावस्या आती है. इसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. वैशाख महीने की अमावस्या को वैशाख अमावस्या या वैशाखी अमावस्या कहा जाता है. वैशाखी अमावस्या तिथि पूर्वजों के लिए समर्पित होती है.
इस दिन लोग पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण करते हैं. माना जाता है कि ऐसा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है. अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. इसके साथ ही पवित्र नदियों में स्नान करके गरीबों को दान देना चाहिए.
कब है वैशाख अमावस्या
वैदिक पंचांग के मुताबिक वैशाख कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 27 अप्रैल को सुबह 4 बजकर 28 मिनट पर होगा. इसका समापन 27 अप्रैल को देर रात 1 बजकर 2 मिनट पर होगी. उदयातिथि के मुताबिक वैशाख अमावस्या 27 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी.
वैशाख अमावस्या पर कैसे मिलेगा पूर्वजों का वरदान
सनातन धर्म के लोक में परलोक की मान्यता है. हर कोई मरने के बाद मोक्ष पाना चाहता है. इसी कल्पना को साकार करने का माध्यम बनती है ये तिथियां. मान्यता है कि वैशाख अमावस्या के तिथि पर पूर्वजों के निमित्त संस्कार करने से उन्हें कष्टों से मुक्ति मिलती है और वे अपने वंशजों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं.
वैशाख अमावस्या का विधान
वैशाख अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करें. फिर जल में काले तिल मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें. भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करें. व्रत के संकल्प के साथ पितरों के नाम पर तर्पण करें. तर्पण के लिए तिल, जल और दूध का उपयोग करें. मान्यता है कि इससे पितृ दोष का निवारण होता है. शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं और पितरों की शांति के लिए प्रार्थना करें. माना जाता है कि पीपल में पितरों का वास होता है. ऐसा करने से जीवन की बाधाओं का अंत होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
भगवान विष्णु की ऐसे करें पूजा
वैशाख अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. प्रातःकाल से ही स्नान करने के बाद भगवान का विशेष मंत्रों 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप करना चाहिए. ठाकुर जी की सेवा करनी चाहिए. उन्हें चंदन लगाना चाहिए और केसर के जल से स्नान कराना चाहिए. इस प्रकार से भगवान श्री हरी विष्णु की पूजा करनी चाहिए.
दान-पुण्य का महत्त्व
वैशाख अमावस्या के दिन दान-पुण्य करना विशेष फलदाई माना जाता है. इस दिन किए गए दान से पितर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं. साथ ही दान देने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और घर के साथ ही नौकरी और कारोबार में भी बरकत होती है.
धन प्राप्ति के उपाय
एक तांबे के पात्र में चावल भरकर उत्तर दिशा की ओर चेहरा करके बैठे और तांबे का पात्र सामने रखें. उस पात्र के अगल-बगल दो दीपक जलाएं. अब तांबे के पात्र पर हाथ रखकर धन प्राप्ति की प्रार्थना करें. दीपक बुझ जाने के बाद तांबे के पात्र के मुख पर लाल कपड़ा बांध दें और इस बर्तन को संभालकर रखें. धन की स्थिति ठीक हो जाने पर पात्र सहित चावल का दान करें.
विशेष पूजा और तर्पण
वैशाख अमावस्या के दिन विशेष पूजा करने से, तर्पण करने से निश्चित ही सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है. विशेष रूप से गंगा स्नान भी करना चाहिए और दान का तो सबसे बड़ा महत्त्व है. पेय पदार्थ और ठंडे चीजों का दान करना चाहिए. शास्त्रों में दान को सर्वोत्तम माना गया है. अमावस्या के दिन भी दान का महत्त्व बहुत अधिक है. सफेद मिठाई, कपड़े, तिल, जूते, चप्पल, भोजन का दान करना बहुत शुभ माना जाता है. इससे मानसिक शांति, सुख, समृद्धि और सफलता मिलती है.
पितरों की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध का आयोजन भी करना चाहिए. इसके लिए तिल और जल का दान किया जाता है, जिससे पितर संतुष्ट होते हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है. संभव हो तो इस दिन पितृत सुप्तम का पाठ करें. गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें. यह दान व्यक्ति की मानसिक शांति और समृद्धि का कारण बनता है. इस दिन किसी पेड़ को पानी देना और उसका ध्यान रखना भी कल्याणकारी होता है. इस दिन पशुओं को हरा चारा खिलाएं और कौवों और कुत्तों को भोजन करवाना भी श्रेष्ठ माना जाता है. यदि कोई व्यक्ति सक्षम है तो इस दिन सोने, चांदी या अन्य बहुमूल्य वस्तुओं का दान भी बहुत लाभकारी होता है. इससे जीवन में समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस दिन लोग अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए व्रत रखते हैं, उपवास करते हैं और दान करते हैं.
अमावस्या का व्रत
अमावस्या पर व्रत करते समय पूरे घर की अच्छी तरह से साफ-सफाई करें. संभव हो तो घर के मुख्य द्वार पर प्रकाश की व्यवस्था करें. अमावस्या पर बरगद के वृक्ष की पूजा जरूर करें. इससे आपकी आयु में वृद्धि होगी. अपने पाप कर्मों के लिए ईश्वर से प्रार्थना करें और मन में गलत विचार ना आने दें. वैशाख अमावस्या पर ज्योतिष से जुड़े महाप्रयोग करने से आपके जीवन में सुख-शांति का प्रवेश होगा और आपके द्वारा किए गए ज्ञात-अज्ञात पापों का प्रायश्चित होगा.