Vaishno Devi Temple: श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी! ताराकोट से सांझीछत के बीच बनेगा रोपवे, छह मिनट में तय होगी वैष्णो देवी यात्रा, इन सुविधाओं का भी मिलेगा लाभ

श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी है. ताराकोट मार्ग और सांझीछत के बीच 2.4 किलोमीटर लंबा रोपवे तैयार करने की योजना को मंजूरी दे दी गई है. इसके बनने के बाद तीर्थयात्री केवल छह मिनट में वैष्णो देवी मंदिर परिसर तक पहुंच जाएंगे.

Vaishno Devi Temple
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 21 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 3:51 PM IST
  • 2.4 किलोमीटर लंबा रोपवे तैयार करने की योजना को मंजूरी 
  • तृप्ति भोजनालय में प्रतिदिन खाना खा सकते हैं 7000 तीर्थयात्री

 देश-विदेश से श्री माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है. ताराकोट मार्ग और सांझीछत के बीच 2.4 किलोमीटर लंबा रोपवे तैयार करने की योजना को मंजूरी दे दी गई है. यह परियोजना 250 करोड़ रुपए की है और इसे तीन वर्ष में पूरा किया जाएगा. रोपवे बनने के बाद श्रद्धालु पांच से छह घंटे की यात्रा को मात्र छह मिनट में पूरी कर लेंगे.उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को मंदिर के पास भक्तों को तृप्ति भोजनालय और प्रसाद केंद्र सह स्मारिका केंद्र समर्पित करते हुए यह जानकारी दी.

उप राज्यपाल ने कहा कि रोपवे परियोजना में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इसका काम पूरी तरह संवेदनशीलता से किया जाए ताकि स्थानीय व्यापार प्रभावित न हो. रोपवे परियोजना को तीर्थ यात्रियों विशेषरूप से बुजुर्गों और दिव्यांगों की सुविधा के लिए स्वीकृत किया गया था, ताकि वे मंदिर में आसानी से पहुंचकर पूजा कर सकें.

तृप्ति भोजनालय व प्रसाद केंद्र
भोजनालय में पूरी तरह सात्विक भोजन के साथ व्यंजन आदि बनाने के लिए आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल होगा. श्रद्धालुओं को 24 घंटे उत्तर भारतीय व्यंजन के साथ साउथ इंडियन, चाय, काफी, दूध के साथ ही सैंडविच आदि उपलब्ध होंगे. भोजनालय में एक दिन में करीब 7000 श्रद्धालुओं को भोजन उपलब्ध होगा. यहां एक साथ 750 श्रद्धालु भोजन कर सकते हैं. इसके साथ प्रसाद केंद्र में श्रद्धालु सोने-चांदी के सिक्के भी खरीद सकते हैं. यहां डिजिटल पेमेंट की सुविधा भी होगी.

दुर्गा भवन जल्द तैयार होगा
आगामी नवरात्र से पहले देश विदेश के श्रद्धालुओं को श्री माता वैष्णो देवी के दरबार के पास निर्माणाधीन दुर्गा भवन समर्पित कर दिया जाएगा. इस भवन में 3000 से अधिक भक्तों को एक समय में ठहराया जा सकेगा. इससे माता रानी के मंदिर के पास ही भक्तों को रुकने का सौभाग्य मिलेगा. इससे भवन ट्रैक पर भीड़ को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जा सकेगा.

पूरा होगा शंकराचार्य मंदिर का निर्माण
उपराज्यपाल ने कहा कि त्रिकुटा पर्वत की पहाड़ी पर करीब तीन दशक से निर्माणाधीन शंकराचार्य मंदिर का सपना भी जल्द साकार होगा. आगामी दो मार्च को तकनीकी विशेषज्ञों की टीम श्राइन बोर्ड के सदस्य डॉ. अशोक भान के साथ मुलाकात करेगी और इस महत्वपूर्ण परियोजना पर विचार विमर्श करेगी. किन्हीं कारणों से यह परियोजना अधर में लटक गई थी और वर्तमान में केवल मंदिर का ढांचा ही मौजूद है.


 

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