अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मौका हो तो भला काशी के डोम परिवार को कैसे भूला जा सकता है? VHP और RSS की तरफ से एक टीम काशी में श्मशान पर अंतिम संस्कार करने वाले डोमराजा परिवार को 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण देने पहुंचा. काशी के लिए यह पहला मौका है जब किसी को सहपत्नी निमंत्रण मिला हो. निमंत्रण पाने वाले अनिल चौधरी उन्हीं जगदीश चौधरी के छोटे भाई हैं जो साल 2014 लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के पांच प्रस्तावकों में से एक थे. मरणोपरांत जगदीश चौधरी को पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया.
इससे पहले राम जन्मभूमि आंदोलन में सभी को जोड़ने के लिए भी काशी के डोमराज परिवार में सहभोज का आयोजन हुआ था. जिसमें देशभर से संत-महात्मा मौजूद थे, तो अब डोमराजा परिवार को यह गौरव मिला है कि परिवार के छोटे बेटे अनिल चौधरी और उनकी पत्नी सपना चौधरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में राम मंदिर ट्रस्ट ने निमंत्रण भेजा है.
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का निमंत्रण
RSS, VHP के अलावा अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद भी निमंत्रण देने के लिए हरिश्चंद्र घाट पर डोमराजा परिवार के घर पहुंचेय उन्होंने बताया कि काशी के राजा बाबा विश्वनाथ और फिर डोमराजा को समान रूप से निमंत्रित किया गया है. 495 वर्षों के समापन की बेला में यह आमंत्रण दिया गया है.
उन्होंने बताया कि राम जन्मभूमि आंदोलन 1994 में काशी में धर्म संसद थी. जिस दौरान काशी आए पूज्य संत काशी के डोमराजा के घर भोजन पर पधारे थे. उस वक्त बड़ा मैसेज दिया गया था और आज इतिहास को पुनर्जीवित करते हुए यह निमंत्रण डोमराजा परिवार को देने आए हैं.
वहीं, डोमराजा परिवार के छोटे बेटे अनिल चौधरी सहपत्नी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण पाकर काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. खास बातचीत में उन्होंने बताया कि उनके बड़े भाई जगदीश चौधरी को वर्ष 2014 में पीएम मोदी का प्रस्तावक बनने का सौभाग्य मिला था. अब उनको निमंत्रण मिला है अयोध्या जाने का, जिससे उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है. उन्होंने कभी सोचा ही नहीं था कि उनको ऐसा सम्मान मिलेगा.
साथ ही, यह भी बताया कि उनको प्राण प्रतिष्ठा के दौरान उनको पूजन में भी सम्मलित होने का भी मौका मिलेगा. उन्होंने आगे बताया कि ऐसे ही प्रयासों से समाज से भेदभाव की भावना हटेगी. अनिल चौधरी की मां जमुना देवी ने बताया कि उनकी खुशी का ठिकाना नहीं है, जिसकी कभी कल्पना तक नहीं की थी.