भारत अपनी विविधता के लिए मशहूर है और यहां हर धर्म के लोग मौजूद हैं. यहां अलग- अलग धर्म के लोग मिल जुलकर एक साथ खुश रहते हैं. ऐसा ही नजारा उत्तर प्रदेश में स्थित वाराणसी में भी देखने को मिला है, जहां वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रावण महीने के अंतिम सोमवार को कांवड़ियों की मंदिर के बाहर एक लंबी कतार देखने को मिली.
लगभग 4.5 लाख से भी ज्यादा शिव भक्तों की भीड़ सावन मास के आखिरी सोमवार देखने को मिली. आपको बता दें कि, शहर के प्रसिद्ध मंदिर काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए वाराणसी में प्रवेश करने वाले कांवड़ियों का स्वागत मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने उनके ऊपर गुलाब के फूलों की बरसात करके किया.
मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शिव भक्तों पर भी फूलों की बरसात
यह नजारा वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से 500 मीटर पहले गोदौलिया में दिखाई दिया, जहां पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दर्शन पाने वाले कांवड़ियों की लंबी कतार पर गुलाब की पंखुड़ियां बरसाईं और उनका काशी में स्वागत किया.
फूलों से क्यों किया गया स्वागत ?
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार आसिफ अहमद जोकी, गोदौलिया के स्थानीय निवासी हैं उन्होंने कहा कि सौ किलोमीटर से भी ज्यादा नंगे पांव चलकर आना और उसके साथ ही गंगाजल कंधों पर रखकर मंदिर पहुंचना कोई आसान काम नहीं है. शिव भक्त ऐसा स्वागत पाने के काबिल हैं, इसलिए हमने उनका स्वागत फूलों से किया.
अहमद ने भी कांवड़ियों पर फूल डालकर स्वागत किया था और उन्होंने बताया कि ऐसे समय में जब हिन्दू और मुस्लिम समुदायों के बीच में मतभेद बढ़ रहा है उनका ऐसा करने का मूल उद्देश्य यह था कि हम सब एक हैं और जितने भी धर्मों की लेकर मतभेद हो, हमें सभी धर्मों का सम्मान करना जरूरी है.
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