Vivah Panchami 2023: विवाह पंचमी के दिन हुई थी मां सीता और भगवान राम की शादी, प्रभु की कृपा पाने के लिए करें ये उपाय, आपकी झोली खुशियों से भर जाएगी

Ram Sita Vivah: त्रेता युग में मार्ग शीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को भगवान श्री राम और माता सीता का विवाह हुआ था. इस दिन देश में कई जगहों पर भगवान श्री राम की बारात भी निकाली जाती है.

भगवान राम और माता सीता
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 10:42 AM IST
  • विवाह पंचमी के दिन पूजन अनुष्ठान करने से दांपत्य जीवन बनता है सुखमय
  • राम नाम लिखने से शनि, राहु, केतु की पीड़ा से मिलती है मुक्ति 

हिंदू धर्म में विवाह पंचमी का विशेष महत्व है. माना जाता है कि इस दिन भगवान श्री राम और माता सीता की शादी हुई थी. वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाता है. इस साल विवाह पंचमी 17 दिसंबर 2023 दिन रविवार को मनाया जा रहा है. धार्मिक मान्यता है कि विवाह पंचमी पर भगवान श्रीराम और मां जानकी की पूजा-अर्चना करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है. 

विवाह पंचमी का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मिथिला के राजा जनक अपनी बेटी सीता के लिए स्वयंवर का आयोजन करते हैं. स्वयंवर की सूचना मिलने पर भगवान राम अपने छोटे भाई लक्ष्मण के साथ भी शामिल हो जाते हैं. सभा में मौजूद एक-एक करके कई योद्धा शिव धनुष को तोड़ने की कोशिश करते हैं, लेकिन वह असफल रहते हैं. तब भगवान राम शिव धनुष को तोड़ते हैं और माता सीता उन्हें वरमाला पहनकर अपना वर चुनती हैं. इसके बाद यह शुभ समाचार मिथिला से अयोध्या जाता है, जिसके बाद राजा दशरथ, भरत और शत्रुघ्न के साथ बारात लेकर आते हैं. मार्ग शीर्ष शुक्ल पंचमी को भगवान राम और माता सीता का विवाह होता है.

कैसे करें भगवान राम और माता सीता का विवाह
श्री राम विवाह का संकल्प लें. फिर सिया राम विवाह के कार्यक्रम का आरम्भ करें. भगवान राम और माता सीता की प्रतिमा या मूर्ति की स्थापना करें. भगवान राम को पीले और माता सीता को लाल वस्त्र अर्पित करें. फिर इनके सामने बालकाण्ड में विवाह प्रसंग का पाठ करें या ॐ जानकीवल्लभाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें. इसके बाद माता सीता और भगवान राम का गठबंधन करके उनकी आरती करें. 

विवाह पंचमी का महाउपाय
किसी नवदंपत्ति को घर पर बुलाकर उनका यथोचित सम्मान करें. उन्हें भोजन कराएं और दोनों को यथाशक्ति उपहार देकर उनसे आशीर्वाद लें. घर में राम दरबार का चित्र या प्रतिमा जरूर रखें. परिवार में एकता रहती है और पारिवारिक जीवन सुखी रहता है.

घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली के लिए विवाह पंचमी पर करें ये धार्मिक उपाय
1. विवाह पंचमी पर मिलेगा वरदान
अगर विवाह होने में बाधा आ रही हो तो इस दिन वो समस्या दूर हो जाती है और मनचाहे विवाह का वरदान भी मिलता है. वैवाहिक जीवन की समस्याओं का अंत भी हो जाता है. भगवान राम और माता सीता की संयुक्त रूप से उपासना करने से विवाह होने में आ रही बाधाएं दूर होती हैं. 
2. रामचरित मानस का करें पाठ
विवाह पंचमी के दिन बालकांड में भगवान राम और सीता जी के विवाह प्रसंग का पाठ करना शुभ होता है. सम्पूर्ण रामचरित मानस का पाठ करने से भी पारिवारिक जीवन सुखमय होता है.
3. श्रीराम रक्षा स्रोत का करें पाठ, जीवन में नहीं रहेगा दुख
जिनके वैवाहिक जीवन में संतान या परिवार से सम्बंधित कोई भी समस्या है, वे इस दिन श्रीराम और सीताजी का पूजन करके श्रीराम रक्षा स्रोत का पाठ करें तो अवश्य लाभ होगा. आज के दिन भगवान श्रीराम का विधिवत पूजन और सांकेतिक रूप से या उत्सव के रूप में भगवान का विवाह सीताजी से कराया जाए तो जीवन में सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है. इस दिन जानकी मंगल का पाठ अत्यंत फलदाई माना गया है.  
4. ग्रह दोषों से मिलेगी मुक्ति
इस दिन लाल कलम से 108 बार श्रीराम का नाम किताब पर लिखें या अनार की कलम से अष्टगंध की स्याही बनाकर भोज पत्र पर अंकित करें, ताकि अनिष्ट ग्रहों की पीड़ा भी सरलता से दूर हो जाए. राम नाम लिखने से शनि, राहु, केतु की पीड़ा से भी मुक्ति मिलती है.

विवाह पंचमी के दिन जरूर करें ये काम
1. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विवाह पंचमी के दिन भगवान राम और माता जानकी का विवाह उत्सव का आयोजन किया जाता है, जो बेहद ही शुभ और फलदायी होता है.
2. इस दिन प्रातकाल उठकर भगवान श्री राम और माता सीता की मूर्ति का स्थापना करना चाहिए साथ ही पूजा-पाठ भी करना चाहिए.
3. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार,  विवाह पंचमी के दिन कुंवारी कन्याओं को 108 बार जानकी मंत्र का जाप करना बेहद ही शुभ होता है. ऐसा करने से श्री राम जी जैसा वर की प्राप्ति होता है.
4. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विवाह पंचमी के दिन उपवास जरूर रखें, इससे श्री राम जी और माता सीता का आशीर्वाद प्राप्त होगा.
5. विवाह पंचमी के दिन जातक को भजन-कीर्तन करना चाहिए. साथ ही गरीबों को भोजन करना चाहिए. दान देना चाहिए.

 

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