Shani Dev के 9 वाहनों पर सवार होकर कुंडली में इंट्री करने पर क्या फायदे और नुकसान होते हैं, जानिए

Vahan of Lord Shani Dev: धर्म शास्त्र कहते हैं कि भगवान शनि एक नहीं बल्कि 9 अलग अलग वाहनों पर सवार होकर आपकी कुंडली में प्रवेश करते हैं. सभी वाहनों की अपनी अलग अलग शक्तियां और अलग अलग शुभ अशुभ परिणाम भी होते हैं. सभी ग्रहों में शनि की चाल काफी धीमी मानी जाती है, इसीलिए किसी भी राशि में शनि ढाई साल तक गोचर करते हैं.

वाहन पर सवार शनि देव
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 30 मई 2022,
  • अपडेटेड 4:52 PM IST
  • 9 अलग-अलग वाहनों पर सवार होते हैं शनि देव
  • शनि देव के अलग-अलग वाहनों पर सवार होने पर होता है अलग असर

शनि देव सूर्य भगवान के पुत्र हैं, लेकिन शनि देव की अपने पिता सूर्य देव से नहीं बनती है. शनि जब किसी पर अशुभ दृष्टि डालते हैं तो उसके जीवन में संकटों को अंबार लग जाता है. व्यक्ति को लगातार हानि होने लगती है. हर कार्य में असफलता मिलने लगती है. गंभीर रोग घेर लेते हैं. शास्त्रों में शनि देव के 9 वाहन बताए गए हैं. इसीलिए शनि के वाहनों का कभी अपमान नहीं करना चाहिए.

शनि का वाहन हंस-
हंस पक्षी को शनि का वाहन माना गया है. शनि देव को हंस प्रिय हैं. हंस बुद्धि, परिश्रम,सौभाग्य का सूचक है. शनि हंस पर सवार हों तो शुभ फल देते हैं. इसलिए इस पक्षी के प्रति सदैव आदर भाव रखना चाहिए.

शनि का वाहन मोर-
मोर भी शनि देव का वाहन है. मोर को जीवन में उल्लास और उमंग का सूचक है. मोर को कभी हानि नहीं पहुंचानी चाहिए. इससे शनि देव नाराज होते हैं और कठोर दंड देते हैं. मोर की सेवा करनी चाहिए गर्मियों में उनके लिए जल की व्यवस्था करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं. इस समय जातक को  मेहनत के साथ-साथ भाग्य का साथ भी मिलता है.

शनि का वाहन सियार-
शनि देव के वाहनों में सियार भी शामिल है. सियार पर शनि सवार होते तो हानि होती है. आर्थिक नुकसान होने की संभावना ज्यादा रहती है. सियार पर सवार हों शनि तो शनि के उपाय करने चाहिए.

शनि का वाहन भैंसा-
भैंसा भी शनि की सवारी है. शनि देव का वाहन होने के कारण भैंसा को भूखा और प्यासा नहीं रखना चाहिए. ऐसा करने से शनि देव नाराज होते हैं. शनि अशुभ होने पर भैसा को चारा खिलाना चाहिए. इस स्थिति में समझदारी और होशियारी से काम करना ज्यादा बेहतर होता है.

शनि का वाहन कौआ-
शनिदेव का वाहन कौआ भी है. कौआ को नित्य रोटी खिलाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं. कौआ को भूलकर भी नुकसान नहीं पहुचाना चाहिए. कौए की प्रसन्नता से शनि देव के साथ साथ पितृ देव भी खुश होते हैं. इस समय कलह या टकरावों की स्थिति से बचना चाहिए. साथ ही शांति, संयम और मसले को बातचीत से हल करने का प्रयास करना चाहिए. 

शनि का वाहन हाथी-
शनि देव का वाहन हाथी बहुत ही शुभ माना गया है. हाथी की सेवा करने से शनि से संबंधित दोष कम होता है. हाथी को फल खिलाने से शनि और राहु-केतु शांत होते हैं. ज्योतिष के अनुसार, जब शनिदेव हाथी पर सवार होकर आते हैं तो पैसा, सम्मान पद आदि का लाभ होता है.

शनि का वाहन सिंह-
शनिदेव सिंह की भी सवारी करते हैं. शनि सिंह की सवारी करते हैं तो शुभ होते हैं. सिंह पर सवार होने से शत्रुओं पर विजय मिलती है. इस समय समझदारी और चतुराई से काम लेना चाहिए.

शनि का वाहन घोड़ा-
घोड़ा भी शनि देव का वाहन है. घोड़े को शक्ति का प्रतीक माना गया है. 
घोड़े की सेवा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं. ऐसा कहा जाता है कि शनिदेव का वाहन घोड़ा हो तो शुभ फल मिलते हैं. इस समय समझदारी से काम लें तो अपने शत्रुओं पर आसानी से विजय पा सकते हैं. इस समय जोश और उर्जा से भरा होता है.

शनि का वाहन गधा-
गधा भी शनि देव का वाहन माना गया है. गधे को एक शांत जानवर माना गया है. गधे पर सवार शनि शुभ नहीं माने जाते. गधे को चारा और भोजन खिलाने से शनि प्रसन्न होते हैं. शुभ फल प्रदान करते हैं लेकिन मेहनत ज्यादा होती है. गधे पर शनि सवार होते हैं तो जातक के जीवन में गतिरोध पैदा होता है.

शनिदेव न्याय के अधिपति हैं. जो कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. ऐसे में आप भी अपने कर्मों की शुभ और पुण्यकारी बनाइये और भगवान शनि का शुभ वरदान पा लीजिए.

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