हिंदू धर्म में अमावस्या से लेकर एकादशी तक सब चीजों की अपनी धर्मिक मान्यता है. इसके लिए विशेष प्रकार का पूजा-पाठ किया जाता है. वैसे तो साल भर कई तरह की अमावस्या पड़ती हैं लेकिन भूतड़ी अमावस्या के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं या फिर हो सकता है आपने उसका नाम ही ना सुना हो. क्या है भूतड़ी अमावस्या और नाम के हिसाब से क्या इसका भूतों से कोई संबंध है? आइए जानते हैं.
दरअसल चैत्र महीने में पड़ने वाली अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या कहा जाता है. चैत्र महीना हिंदू कैलेंडर का अंतिम महीना होता है. जो अंग्रेजी के कैलेंडर के मार्च-अप्रैल माह में पड़ता है. इस बार चैत्र के महीने में पड़ने वाली अमावस्या मंगलवार के दिन पड़ रही है. इस अमावस्या को भूतड़ी अमावस्या के साथ भौमवती अमावस्या भी कहते हैं. अब आप सोचेंगे कि इसका नाम भूतड़ी क्यों पड़ा? दरअसल इसका संबंध भूतों से तो नहीं है लेकिन नकारात्मक शक्तियों से जरूर माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन नकारात्मक शक्तियां या अतृप्त आत्माएं अपनी अधूरी इच्छा को पूरा करने के लिए लोगों के शरीर को निशाना बनाती हैं. इस दौरान आत्माएं और नकारात्मक शक्तियां और अधिक शक्तिशाली हो जाती हैं. आत्माओं की इसी उग्रता को शांत करने के लिए भूतड़ी अमावस्या पर नदी में स्नान और दान आदि करने का महत्व है.
क्या है तिथि?
चैत्र अमास्या या भूतड़ी अमावस्या की शुरूआत 20 मार्च रात 1 बजकर 47 मिनट पर हो रही है और 21 मार्च रात 10 बजकर 53 मिनट पर ये खत्म हो जाएगी. इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने से, पूर्वजों का तर्पण करने से या फिर जरूरतमंदों या गाय अथवा कौवे को भोजन कराने से हर तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है. इस दिन विष्णु की उपासना करने से समस्त बाधाओं से व्यक्ति मुक्त हो जाता है और मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं.
कुछ लोग कहते हैं कि इस दिन कुछ आत्माएं जिनकी इच्छा अधूरी रह जाती है वो अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए किसी जीवित व्यक्ति के शरीर को अपने वश में करने का प्रयास करती हैं. इसलिए इस दिन कुछ एक उपाय करने से व्यक्ति पर इनका असर नहीं होता.
- भूतड़ी अमावस्या पर यदि किसी पवित्र नदी में स्नान नहीं कर सकते तो मान्यतानुसार घर में ही पानी की बाल्टी में गंगाजल डालकर स्नान कर लेना चाहिए.
- इस दिन दान-पुण्य करना भी शुभ होता है.
- इस दिन कालसर्प दोष निवारण के लिए सुबह स्नान के बाद चांदी के बने नाग-नागिन की पूजा करें. इसके बाद इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें.
- अमावस्या वाली रात को 5 लाल फूल और जलते हुए दीये बहती नदी में प्रवाहित कर दें. इससे धन लाभ होगा.
- इस दिन नर्मदा के कुछ प्रमुख घाटों पर स्नान करने से बाहरी आपदा और भूत प्रेत का निवारण होता है.