Ganga Saptami 2023: 26 या 27 अप्रैल कब है गंगा सप्तमी? जानें सही तिथि और स्नान का शुभ मुहूर्त

Ganga Saptami Muhurat: हिन्दू धर्म में गंगा सप्तमी का विशेष महत्व है. इसी दिन ब्रह्मा जी के कमंडल से मां गंगा का जन्म हुआ था. इस दिन गंगा माता के अलावा भगवान की पूजा की जाती है. इस बार गंगा सप्तमी के दिन तीन शुभ मुर्हूत बन रहे हैं.

मां गंगा
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 24 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 10:45 AM IST
  • ब्रह्मा जी के कमंडल से मां गंगा का हुआ था जन्म
  • गंगा सप्तमी के दिन श्राद्ध करने से पितृ दोष होता है दूर

Ganga Saptami Kab Hai: गंगा सप्तमी को गंगा जयंती के रूप में भी जाना जाता है. इसे वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को हर साल मनाया जाता है. मान्यता है कि इसी दिन ब्रह्मा जी के कमंडल से मां गंगा का जन्म हुआ था. इस दिन लोग गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं. कहा जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति का सात जन्मों के पाप धुल जाते हैं और अमृत की प्राप्ति होती है. 

बन रहे शुभ योग
गंगा सप्तमी का पर्व पंचांग के अनुसार इस साल 27 अप्रैल को पड़ रहा है. इस दिन तीन अत्यंत शुभ योग पड़ रहे हैं, जो इसे और भी महत्वपूर्ण बना रहे हैं. गंगा सप्तमी को पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग है, जबकि अमृत सिद्धि योग 28 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 43 मिनट तक है. तीसरा गुरु पुष्य योग भी सुबह 7 बजे से अगले दिन सुबह 05 बजकर 43 मिनट तक बना है. गंगा सप्तमी को सुबह 7 बजे तक पुनर्वसु नक्षत्र है और उसके बाद पूरे दिन पुष्य नक्षत्र रहेगा.

शुभ मुहूर्त 
पंचांग के अनुसार वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 26 अप्रैल 2023 को सुबह 11 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 27 अप्रैल 2023 को दोपहर 01 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगी. शास्त्रों में तीर्थ स्नान ब्रह्म मुहूर्त में शुभ माना गया है इसलिए 27 अप्रैल 2023 को गंगा स्नान करना उत्तम फलदायी होगा. इसी दिन मां गंगा की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजे से दोपहर 01 बजकर 38 मिनट तक है. 

गंगा सप्तमी का महत्व 
गंगा सप्तमी के दिन गंगा के किनारे श्राद्ध करने से पितृ दोष खत्म होता है और अकाल मृत्यु वाले पूर्वजों को मोक्ष मिलता है. सप्तमी के दिन मां गंगा ने अपने जल से भगवान विष्णु की चरण वंदना कर उनके लोक में अपना स्थान पाया था. कहते हैं जिनके दांपत्य जीवन में मनमुटाव चल रहा हो उन्हें इस दिन पूर्वजों के निमित्त तर्पण करना चाहिए. इससे न सिर्फ वैवाहिक जीवन सुखद बनता है बल्कि संतान सुख भी प्राप्त होता है.

इस दिन जरूर करें ये कार्य 
1. गंगा सप्तमी के दिन स्नान-ध्यान के बाद मां गंगा की पूजा अवश्य करें. 
2. गंगा सप्तमी के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है. इसलिए इस दिन गरीब-दुखियों को दान जरूर दें. 
3. दान-पूण्य करने से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है और कई जन्मों के पाप दूर हो जाते हैं.
4. गंगा सप्तमी के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक जरूर करें. ऐसा इसलिए क्योंकि भगवान शिव की जटाओं से ही मां गंगा प्रवाहित होती हैं. 


 

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