साल 2024 में चंद्र और सूर्य ग्रहण दोनों लगने वाले हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार जब राहु और केतु भगवान सूर्य को निगलने आते हैं तो उस समय सूर्य ग्रहण लगता है. चंद्र ग्रहण के बारे में भी यही मान्यता है. भूगोलवेताओं के अनुसार जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है तो इस स्थिति में सूरज की रोशनी धरती पर नहीं पहुंच पाती है. इस घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है. जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक सीधी रेखा में आ जाता है, तो इस दौरान सूर्य का प्रकाश चंद्रमा पर नहीं पड़ता है. इस घटना को ही चंद्र ग्रहण कहते हैं. आइए जानते हैं इस साल कब-कब ग्रहण लगेंगे और भारत में किसका सूतक काल मान्य होगा?
इस समय से हो जाता है सूतक काल शुरू
पंचांग के अनुसार नए साल में दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण लगने वाले हैं. इस साल एक पूर्ण सूर्य ग्रहण भी लगेगा. एक पूर्ण सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य की रोशनी को धरती पर आने से रोक दे. धार्मिक मान्यता के अनुसार सूर्य ग्रहण के लगने से 12 घंटे पूर्व ही उसका सूतक काल शुरू हो जाता है. इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य, पूजा-पाठ और नए कार्य का प्रारंभ नहीं किए जाते हैं.
इस साल का पहला सूर्य ग्रहण इस दिन लगेगा
इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगेगा. इस दिन रात में 9 बजकर 12 मिनट पर सूर्यग्रहण शुरू होगा और मध्य रात्रि में 1 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा. यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, पश्चिमी एशिया, दक्षिण-पश्चिम यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका,अटलांटिक महासागर, उत्तरी धुव्र, दक्षिणी धुव्र और अफ्रीका में दिखेगा. भारत में सूर्य ग्रहण नहीं नजर आएगा. इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा.
इस साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण कब लगेगा
इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लगेगा. इस दिन रात 9 बजकर 13 मिनट पर सूर्यग्रहण लगेगा और मध्य रात्रि 3 बजकर 17 मिनट तक रहेगा. यह ग्रहण वलयाकार होगा. यह तब होता है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा हो, लेकिन इसकी दूरी धरती से दूर हो. धरती से दूर होने के कारण चंद्रमा छोटा दिखता है. इस कारण यह इतना बड़ा नहीं होता कि पूरे सूर्य की किरणों को रोक ले. इस वजह इसके चारों ओर एक रिंग जैसी आकृति दिखाई देती है. दूसरा सूर्य ग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा. यह सूर्य ग्रहण अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और अटलांटिक महासाग में देखा जा सकेगा.
इस दिन लगेगा पहला चंद्र ग्रहण
इस साल पहला चंद्र ग्रहण 25 मार्च को लगेगा. यह 25 मार्च को सुबह 10 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर को लगभग 3 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगा. यह उपछाया चंद्र ग्रहण होगा. इस दौरान चंद्रमा केवल पृथ्वी की छाया के बाहरी किनारों से होकर गुजरता है. इस दौरान ग्रहण काफी कमजोर होता, जिस कारण इसे नग्न आंखों से देखना कठिन हो जाता है. यह ग्रहण यूरोप, उत्तर-पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तर और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा. यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. इसलिए सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.
दूसरा चंद्र ग्रहण कब लगेगा
इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 18 सितंबर को सुबह 6 बजकर 12 मिनट पर शुरू होकर सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा. यह ग्रहण एक आंशिक चंद्र ग्रहण होगा. इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा का एक छोटा हिस्सा ही गहरी छाया में प्रवेश करेगा. यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, अटलांटिक महासागर और आर्कटिक महासागर में दिखेगा. भारत में यह नजर नहीं आएगा. इसलिए सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.