सूर्य को जल देने या पूजा-पाठ में क्यों इस्तेमाल होता है तांबे का बर्तन, जानिए इसके पीछे का कारण

सूर्यदेव मान सम्मान में भी वृद्धि करते हैं. इनकी नियमित उपासना से यश बढ़ता है और नौकरी में पदोन्नती मिलती है. वहीं तांबे के पात्र में पानी पीना हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है. इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण हैं.

तांबे का लोटा
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 2:07 PM IST
  • स्वास्थ्य से लिए भी फायदेमंद
  • शरीर से सारा विष बाहर निकल जाता है 

सूर्य की उपासना बहुत लाभकारी होती है. सूर्य की पूजा से जीवन संवरने लगता है. सूर्य को मजबूत अगर करना है तो जीवन में सूर्य से ही जुड़ी एक धातु का प्रयोग अमोघ लाभकारी बताया गया है. तांबा एक ऐसी धातु है जिसका प्रयोग शुभ कार्यों में होता है. तांबे का संबंध सूर्य और मंगल से माना गया है. माना जाता है कि अगर आपको सूर्य से कोई समस्या है तो तांबे के प्रयोग से आपकी ये समस्या बहुत जल्द दूर हो जाएगी. कुंडली से जुड़े अशुभ प्रभाव भी दूर हो जाएंगे. यही नहीं तांबे के कई ज्योतिषीय प्रयोग भी हैं 

स्वास्थ्य से लिए भी फायदेमंद
आपने अपने देखा होगा कि घर की पूजा में या फिर अन्य किसी शुभ काम में तांबे के लोटे का इस्तेमाल जल देने के लिए किया जाता है. इसके पीछे धार्मिक आस्था के साथ कई वैज्ञानिक कारण भी हैं. हिंदू धर्म में तांबे के लोटे में तुलसी को जल देने की परंपरा है.इसके अलावा तांबे के पात्र में पानी पीना हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है. इसका सेवन करने से आपको फेफड़े संबंधी समस्या से निजात मिल जाता है. आइए जानते हैं तांबे से होने वाले ज्योतिषीय लाभ के बारे में...

तांबे का ज्योतीषीय प्रयोग
- ताम्बे के प्रयोग से शरीर शुद्ध होता है और शरीर से सारा विष बाहर निकल जाता है 
- तांबा मंगल को मजबूत करके रक्त को ठीक करता है 
- तांबा सूर्य को मजबूत करके उत्साह में वृद्धि कर देता है 
- ताम्बे का छल्ला अनामिका अंगुली में धारण करें 
- इससे सूर्य और चन्द्रमा दोनों मजबूत होते हैं 
- आत्मविश्वास, साहस और स्वास्थ्य अच्छा होता जाता है 
- ताम्बे के पात्र का पानी पीने से शरीर विषमुक्त होता है 

 

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