इस बार रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त को मनाया जाएगा. लेकिन इस बार इस त्योहार पर भद्रा लग रहा है जिस वजह से लोग इसकी सही तारीख को लेकर बहुत कन्फ्यूज हैं. ज्योतिषियों का कहना है कि इस साल भद्रा का साया पाताल लोक में है इसलिए धरती पर होने वाले शुभ और मांगलिक कामों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. मान्यता के अनुसार भद्राकाल के समय बहने भाई की कलाई पर राखी नहीं बांधती हैं. आज हम आपको बताएंगे कि कौन है भद्रा और क्यों इस समय राखी बांधने के लिए मना किया जाता है.
कौन है भद्रा?
शास्त्रों के अनुसार भद्रा सूर्यदेव की बेटी और ग्रहों के सेनापति शनिदेव की बहन है. शनि की तरह ही इनका स्वाभाव भी कठोर माना जाता है. इनके स्वभाव को समझने के लिए ब्रह्मा जी ने काल गणना या पंचांग में एक विशेष स्थान दिया है. भद्रा के साए में शुभ या मांगलिक कार्य, यात्रा और निर्माण कार्य निषेध माने गए हैं. श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर जब भद्रा का साया रहता है, तब भाई की कलाई पर राखी नहीं बांधी जाती है. भद्रा को स्वाभाव से बहुत ही गुस्सैल माना जाता है इसलिए इस दौरान कोई मांगलिक काम नहीं किया जाता है.
क्या है मानयता?
वहीं इसके पीछे एक दूसरी कहानी भी है. कहा जाता है कि रावण की बहन शूर्पणखा ने अपने भाई को भद्रा काल में ही राखी बांधी थी, जिसके कारण रावण का विनाश हो गया. इस वजह से भी भद्राकाल में राखी बांधने से मना किया जाता है. वहीं यह भी कहा जाता है कि भद्रा के वक्त भगवान शिव तांडव करते हैं और वो काफी क्रोध में होते हैं, ऐसे में अगर उस समय कुछ भी शुभ काम करें तो उसे शिव जी के गुस्से का सामना करना पड़ता है और बनते काम बिगड़ जाते हैं.
वह अक्सर शुभ कार्य में बाधा डालती थी और कोई यज्ञ आदि पूजा नहीं होने देती थी. इस वजह से सूर्य भगवान बहुत परेशान थे. उन्होंने अपनी परेशानी ब्रह्मा जी को बताई और उनसे इस पर समाधान मांगा. तब ब्रह्मा जी ने भद्रा से कहा, 'भद्रा अब से तुम केवल अपने काल में हो रहे शुभ कार्य में ही विघ्न डाल सकती हो. काल के खत्म होने के बाद तुम किसी के शुभ कार्य में विघ्न नहीं डालोगी.
भद्रा काल का समय
रक्षाबंधन के दिन भद्रा पूंछ- 11 अगस्त 2022, शाम 05.17 से 06.18 तक
रक्षाबंधन भद्रा मुख - शाम 06.18 से रात 8.00 बजे तक
रक्षाबंधन भद्रा समाप्ति - 11 अगस्त 2022, रात 08.51 पर
रक्षाबंधन के लिए प्रदोष काल का मुहूर्त- 11 अगस्त 2022 रात 08.52 से 09.14 तक है. राखी बांधने के लिए यही सबसे उत्तम समय है. लेकिन कई जगह कहा जाता है कि सूर्यास्त के बाद कोई मंगल काम नहीं किया जाता इसिलए कुछ लोग 12 अगस्त को राखी मनाएंगे.