Siddheshwar Nath Temple में दुनिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग, शिवपुराण में है इसका जिक्र

Siddheshwar Nath Temple: अरुणाचल प्रदेश के सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में दुनिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग है. यहां महादेव पूरे परिवार के साथ विराजमान है. लेकिन खास बात ये है कि खुद कुदरत यहां महादेव का जलाभिषेक करती है. मान्यता है कि जो भी शिव के इस अनूठे स्वरुप के दर्शन करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है.

सिद्धेश्वरनाथ मंदिर का शिवलिंग
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 10 जून 2022,
  • अपडेटेड 3:52 PM IST
  • सिद्धेश्वरनाथ मंदिर में सबसे ऊंचा शिवलिंग
  • शिवपुराण में है इसका जिक्र

बम-बम भोले के जयघोष से ये प्रांगण गुंजाएमान रहता हैं. क्योंकि मान्यता है कि औघड़दानी यहां खुद विराजते हैं. अरुणाचल प्रदेश की वादियों में सुबनश्री जिले में बसा है महादेव का ये प्राचीन मंदिर. जहां दुनिया का सबसे ऊंचा नेचुरल शिवलिंग विराजमान है.

दुनिया का सबसे ऊंचा शिवलिंग-
ये शिव लिंग 25 फीट ऊंचा है और इसका व्यास 22 फीट का है. सुबनश्री जिले के ज़िरो टाउन में ये सिद्धेश्वर नाथ मंदिर मौजूद हैं. जिसे कार्डो महादेव मंदिर भी कहा जाता है. यहां महादेव पूरे परिवार के साथ भव्य रूप में विराजते हैं.
मान्यता है कि शिव पुराण के रुद्र खंड के 17वे अध्याय में शिव के इस स्वरूप का वर्णन है. ज़िरो शहर समुद्र तल से 5754 फीट की ऊंचाई पर बसा है. साल 2004 में इस मंदिर की स्थापना की गई थी. तब से इस अनोखे मंदिर को सरकार का भी संरक्षण हासिल है. इस विशाल शिवलिंग से एक अनोखी मान्यता जुटी है.
अरुणाचल के आदिवासी अंचल में सिद्धेश्वर नाथ मंदिर की विशेष मान्यता है. दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. भक्तों का मानना है कि भोले के इस दर से कभी कोई खाली हाथ नहीं जाता.

भगवान शिव का परिवार विराजमान-
भगवान गणेश, माता पार्वती, कार्तिकेय, नंदी समेत समस्त शिव परिवार यहां विराजमान है. साथ ही मान्यता है कि इस शिवलिंग के नीचे एक झरना बहता है और कुदरत खुद महादेव का जलाभिषेक करती है. यही वजह है कि शिव के इस अद्भुत, अलौकिक दर्शन के लिए अब देश और दुनिया से श्रद्धालु यहां पहुंचने लगे हैं.

शिवपुराण में जिक्र-
शिवपुराण के 9वें खंड के 17वें अध्याय में इसका उल्लेख है. स्थानीय पुजारी ने बताया कि इस शिवलिंग का जिक्र शिव महापुराण और लिंग पुराण में है. पुजारी के मुताबिक साल 2004 में इस शिवलिंग को उस वक्त पाया गया था, जब पेड़ों की कटाई हो रही थी. शिवलिंग के साथ पार्वती, गणेश, नंदी, गंगा, भृंगी, अयप्पा, लक्ष्मी और कार्तिक भी मिल थे.

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