7 दिसंबर को इस साल का आखिरी अंगारकी चतुर्थी, कर्ज और बीमारी से छुटकारा पाना चाहते हैं तो जरूर करें यह व्रत

Angarki Chaturthi 2021: ये इस साल का आखिरी अंगारकी चतुर्थी है. इसके बाद 5 अप्रैल को इसी तरह का संयोग बनेगा. अगले साल यानी की 2022 में ऐसा संयोग सिर्फ एक बार ही बनेगा.

भगवान गणेश
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 06 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:14 AM IST
  • इसके बाद 5 अप्रैल 2022 को बनेगा ऐसा संयोग
  • 2022 में ऐसा संयोग सिर्फ एक बार ही बनेगा

7 दिसंबर यानि मंगलवार को इस साल का आखिरी अंगारकी चतुर्थी (Angarki Chaturthi) है. भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए इस व्रत को किया जाता है. हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यह व्रत किया जाता है. अगर यह व्रत मंगलवार के दिन पड़ता है तो इसे अंगारक चतुर्थी कहा जाता है.

अब 5 अप्रैल 2022 को बनेगा ऐसा संयोग
इस व्रत के बारे में यह कहा जाता है कि जो भी भक्त सच्चे दिल से इस व्रत को करता है उसे कर्ज और बीमारियों से जल्द ही मुक्ति मिल जाती है. भगवान लंबोदर अपने भक्त की हर मनोकामना पूरी करते हैं. ये इस साल का आखिरी अंगारक चतुर्थी है. इसके बाद 5 अप्रैल को इसी तरह का संयोग बनेगा. अगले साल यानी की 2022 में ऐसा संयोग सिर्फ एक बार ही बनेगा.

सच्चे मन से करें भगवान गणेश की पूजा
शिव पुराण में ऐसा वर्णन है कि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन दोपहर में भगवान गणेश का जन्म हुआ था. उनके प्रकट होते ही संसार में शुभ आभास हुआ था. इसके बाद इस दिन को श्रेष्ठ बताया जाता है. ब्रम्हदेव ने इस दिन के व्रत को श्रेष्ठ बताया है. इस दिन भक्तों को सच्चे से मन से भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए.

ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा

  • सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें. दोपहर में किसी भी धातु या मिट्टी से बनी भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित करें
  • ऊं अं अंगारकाय नम: मंत्र का जाप एक माला करें. माला 108 मोतियों वाला होना चाहिए
  • बूंदी के लड्डूओं का भोग लगाएं और 5 लड्डू मूर्ति के पास रख दें
  • संकल्प मंत्र के बाद भगवान गणेश की पूजन और फिर आरती करें
  • अगर संभव हो तो इस दिन उपवास पर रहें
  • भगवान गणेश को सच्चे मन से याद करें और निवेदन करें कि आप पर और आपके परिवार की जो भी दिक्कत है उसे दूर करें

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