Yashoda Jayanti 2024: बच्चों की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है यशोदा जयंती व्रत, जानिए क्या है इसका महत्व

Yashoda Jayanti Vrat: भगवान श्रीकृष्ण का जन्म माता देवकी ने दिया था. लेकिन उनका पालन-पोषण माता यशोदा ने किया था. इसलिए यशोदा जयंती व्रत उन महिलाओं के लिए खास है, जो संतान प्राप्ति की कामना रखती हैं. महिलाएं इस व्रत को अपने बच्चों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए भी रखती हैं.

Yashoda Jayanti 2024
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 01 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 10:22 AM IST

हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को यशोदा जयंती मनाई जाती है. इस बार व्रत आज यानी एक मार्च 2024 को है. ये व्रत माताओं के लिए काफी अहम है. इस दिन माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं. इस दिन भगवान कृष्ण और मां यशोदा की पूजा होती है. यशोदा जयंती पर भक्त अपने घरों को सजाते हैं और विशेष पकवान तैयार करते हैं.

यशोदा जयंती पर कैसे करें पूजा-
यशोदा जयंती के दिन भगवान श्रीकृष्ण और मां यशोदा की पूजा होती है. इस दिन को कृष्ण मंदिरों में धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन सुबह उठकर स्नान करना चाहिए और उसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए. इसके बाद मंदिर में भगवान कृष्ण और मां यशोदा की मूर्ति स्थापित करना चाहिए. घर के मंदिर में गंगाजल छिड़ककर दीप प्रज्वलित करना चाहिए. फल,फूल, मिठाई और पंचामृत का भोग लगाएं और पूजा करें. उनको तिलक लगाएं और मां यशोदा को लाल चुनरी चढ़ाएं. इसके बाद भगवान कृष्ण और मां यशोदा की आरती करें और आशीर्वाद प्राप्त करें. इसके बाद दिनभर निर्जला व्रत रखें और सूर्यास्त के बाद फिर स्नान करें और आरती करें. इसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें.

इस व्रत का महत्व-
माताओं के लिए यशोदा व्रत का खास महत्व है. यह पर्व माता और संतान के प्रेम को दर्शाता है. इस दिन माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. माना जाता है कि इस दिन माता यशोदा और भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा करने से संतान प्राप्ति होती है.

क्या है व्रत कथा-
धार्मिक कथाओं के मुताबिक ब्रज में सुमुख के घर यशोदा का जन्म हुआ था. उनकी शादी ब्रज के राजा नंद से हुई थी. संतान के लिए माता यशोदा ने कई व्रत और तप किए. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु वचन दिया कि द्वापरयुग में उनका पुत्र बनकर आएंगे. भगवान विष्णु ने कहा था कि मैं वासुदेव और देवकी के घर जन्म लूंगा. लेकिन मेरा पालन-पोषण माता यशोदा के घर होगा.

भगवत पुराण के मुताबिक माता यशोदा कोई साधारण महिला नहीं थी, बल्कि वो वसु द्रोण की पत्नी धारा का अवतार थीं. जिन्होंने भगवान कृष्ण का पालन-पोषण किया था और संसार उनको कृष्ण की माता के नाम से जानता है. यशोदा जयंती का पर्व उन महिलाओं के लिए काफी खास है, जो संतान प्राप्ति की कामना रखती हैं.

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