Navgrah and Tension: किसी को खराब सेहत तो किसी को नौकरी नहीं मिलने की टेंशन... आखिर क्यों होता है तनाव... कैसे पा सकते हैं इससे छुटकारा... जानें इसका ग्रहों से संबंध

Tension Relation with Planets: इंसान के लाख जतन के बाद भी जब तनाव से मुक्ति नहीं मिले तो ये ग्रहों का दोष हो सकता है. ग्रहों की स्थिति हमारी जिंदगी में तमाम तरह के तनाव देती है. ज्योतिष में तनाव का सीधा संबंध चंद्रमा से होता है. चंद्रमा की अलग-अलग स्थितियों से अलग-अलग तनाव होते हैं. कभी-कभी तनाव वास्तविक और कभी-कभी काल्पनिक होता है. 

Tension Relation with Navgrah (Symbolic Photo)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 26 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:00 PM IST
  • तनाव मन की है एक अवस्था 
  • ज्योतिष में टेनशन का सीधा संबंध होता है चंद्रमा से 

Navgrah Upay: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर कोई किसी न किसी बात को लेकर टेंशन में है. कोई अपनी खराब सेहत से परेशान है तो कोई नौकरी नहीं मिलने को लेकर टेंशन में है. क्या आप जानते हैं आपके इस तनाव का ग्रहों से भी संबंध है. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो तनाव की वजह कुंडली के ग्रह भी हैं. आइए जानते हैं इससे कैसे छुटकारा पा सकते हैं.

क्या है तनाव
तनाव मन की एक अवस्था है. ये आहार, विचार, व्यवहार और संस्कार पर निर्भर करती है. ज्योतिष में तनाव का सीधा संबंध चंद्रमा से होता है. चंद्रमा की अलग-अलग स्थितियों से अलग-अलग तनाव हो जाते हैं. कभी-कभी तनाव वास्तविक होता है और कभी-कभी काल्पनिक. आपको बता दें कि तनाव कई तरह से हमारे जीवन पर असर डालता है.

सेहत को लेकर क्यों रहता है तनाव 
यदि चंद्रमा आठवें भाव में हों तो सेहत संबंधी तनाव होता है. चंद्रमा अकेला हो तो भी सेहत संबंधी तनाव रहता है. हाथ में चंद्र पर्वत पर दाग-धब्बे होने से जीवन में तनाव रहता है. चंद्र पर्वत पर दाग हो तो छोटी बीमारी भयानक लगने लगती है. चंद्रमा पर्वत पर धब्बे होने से बीमारियों का वहम होने लगता है. 

यदि आपको सेहत को लेकर तनाव है तो हम इसको दूर करने के उपाय बता रहे हैं. सोमवार के दिन खीर बनाएं. इसे भगवान शिव को अर्पित करें. भोजन के बाद अंतिम आहार की तरह यही खीर खाएं. रात में सोने के पहले 9 बार गायत्री मंत्र का उच्चारण करें. चांदी के चेन में एक मून स्टोन चांदी में ही मढ़वाकर पहनें.

नौकरी और कारोबार को लेकर तनाव
जीवन में कुछ तनाव ऐसे हैं, जो आमतौर पर नौकरी पेशा वालों को जरूर होता है. यह तनाव है कि उनकी नौकरी या उनका कारोबार अच्छे से चलता रहे. यदि आपको नौकरी या कारोबार को लेकर तनाव है तो कारण हम बताते हैं. यदि आपकी कुंडली में चंद्रमा अग्नि राशि में हों तो नौकरी और कारोबार में तनाव होता है.

यदि सूर्य का चंद्रमा से संबंध हो तो नौकरी कारोबार में तनाव रहता है. हाथ में चंद्र पर्वत पर टूटी रेखाएं हों तो भी नौकरी और कारोबार में तनाव होता है. चंद्र पर्वत पर टूटी रेखाएं हों तो आदमी नौकरी और कारोबार बदलता रहता है. किसी भी नौकरी और कारोबार में संतुष्टि नहीं होती है. व्यक्ति हर रोज अपने करियर को लेकर तनाव में रहता है. उसे हमेशा अपनी नौकरी जाने को लेकर तनाव रहता है. 

यदि आपको ऐसा तनाव है तो हम आपको इसको दूर करने के उपाय के बारे में बता रहे हैं. हर शनिवार को भगवान शिव को दूध मिलाकर जल अर्पित करें. इसके बाद 'ऊं चन्द्रशेखराय नमः' का कम से कम 108 बार जाप करें. पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. किसी गरीब व्यक्ति को भोजन कराएं.

संतान को लेकर तनाव
ग्रहों की स्थिति हमारी जिंदगी में तमाम तरह के तनाव देती है. एक मानसिक तनाव ऐसा भी जो व्यक्तिगत न होकर संतान से जुड़ा होता है. जैसे उसकी सेहत को लेकर या फिर उसके विवाह को लेकर. ये तनाव क्यों होता है और उससे बचने के उपाय क्या हैं ये हम आपको बता रहे हैं.

चंद्रमा, राहु या शनि से पीड़ित हों तो संतान संबंधी तनाव रहता है. हाथ में चंद्र पर्वत पर या मणिबंध रेखा पर तारा हो तो संतान संबंधी तनाव होता है. ऐसी दशा में संतान की जिंदगी और स्थायित्व को लेकर तनाव रहता है. चंद्रमा का संबंध लग्न या बारहवें भाव से हो तो संतान के विवाह संबंधी तनाव होता है.

संतान से जुड़े तनाव को दूर करने के लिए आप सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत अर्पित करें. पंचामृत अर्पित करने के बाद जल की धारा अर्पित करें. शिव तांडव स्रोत या शिव चालीसा का पाठ करें. इसके बाद संतान संबंधी समस्या खत्म करने की प्रार्थना करें.

वैवाहिक जीवन का तनाव 
चंद्रमा के साथ बृहस्पति कमजोर हो तो महिलाएं वैवाहिक जीवन को लेकर तनाव में रहती हैं. यदि चंद्रमा के साथ शुक्र कमजोर हो तो पुरुष वैवाहिक जीवन को लेकर तनाव में रहते हैं. हस्तरेखा में शुक्र, चन्द्र के पर्वत पर जाली हो तो भी वैवाहिक जीवन को लेकर तनाव होता है. इस स्थिति में कभी-कभी शक और वहम भी होता है और कभी-कभी जीवनसाथी बहुत ज्यादा उपेक्षा करता है . 

वैवाहिक जीवन के तनाव को दूर करना है तो आपको कुछ उपाय करने चाहिए. हर सोमवार को भगवान शिव को इत्र अर्पित करें. इसके बाद शिवलिंग पर जलधारा चढ़ाएं. 'ऊं नमो भगवते सोमनाथाय' का जाप कम से कम 108 बार करें. शुक्रवार के दिन खट्टी चीज़ें न खाएं

बुध के प्रभाव से भी हो सकता है तनाव 
जब तृतीयेष बुध अष्टम स्थान में हो तो तनाव का कारण बनता है. क्रूर ग्रह या राहु से आक्रांत या दृष्ट होने पर तनाव अवसाद में बन सकता है. जब बुध की दषा या अंतरदषा चले तो ऐसे में तनाव पैदा होता है. ऐसे में व्यक्ति को कम नींद, आहार और व्यवहार में अंतर दिखाई देता है. इससे जातक कई बार व्यसन का भी आदि हो जाता है.

ज्य़ोतिष के मुताबिक यदि किसी भी प्रकार से तृतीयेष बुध अष्टम में हो और बुध की दशा या अंतरदशा चले तो जातक को कुछ उपाय अपनाने चाहिए. बुध की शांति के लिए गणपति के मंत्रों का वैदिक जाप करें. हवन, तर्पण, मार्जन कराकर हरी वस्तुओं का सेवन करें. ज्यादा सोचें मत. अच्छे लोगों के साथ रहें. 


 

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