ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति का करियर उसकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है। इंजीनियर बनने के लिए मंगल, शनि, बुध या राहु-केतु में से दो या अधिक ग्रहों का प्रभाव आवश्यक है। डॉक्टर बनने के लिए चंद्र, सूर्य, बृहस्पति और मंगल का प्रभाव महत्वपूर्ण है। कुंडली के दशम, द्वितीय और छठे भाव करियर निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सफलता के लिए ग्रहों की अनुकूलता के साथ-साथ व्यक्तिगत प्रयास भी आवश्यक हैं।