होली महज रंगों का उत्सव नहीं है. बल्कि ये जीवन के रंगों को खुद में समा लेने का उल्लास है. होली जीवन के गीतों की ऐसी रंगोली है. जिसमें लय भी है ताल भी है और फागुन को जी भरकर जी लेने का उत्साह भी है. पूरा ब्रज अभी से होली के रंगों से रंगा नजर आ रहा है. यहां होली का सिर्फ एक ही रंग नहीं है. बल्कि कान्हा की कथाओं ने यहां की होली को हर रंग में रंगा है. यहां फूलों की भी होली होती है. यहां लट्ठमार होली का रंग भी जमता है. होली के चालीस दिन पहले से ही ब्रज में अबीर गुलाल का रंग जमने लगता है.