वो निर्मल गंगा की धारा गंगा दशहरा के दिन और भी शक्तिशाली और चमत्कारी हो जाती हैं,समस्त कामनाओं को पूर्ण करने वाली हो जाती है, क्योंकि आज के ही दिन मां गंगा साक्षात धरती पर आईं थीं. माना जाता है कि गंगा का जन्म भगवान् विष्णु के पैरों से हुआ था. राजा भागीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर भोलेशंकर ने गंगा को अपनी जटाओं से होकर धरती पर जाने का आदेश दिया था.
On the day of Ganga Dussehra, that stream of the pure Ganga becomes even more powerful and miraculous, fulfills all wishes, because on this day mother Ganga actually came to earth. It is believed that Ganga was born from the feet of Lord Vishnu. Pleased with the penance of King Bhagirath, Bholeshankar had ordered Ganga to go to earth through his hair.