हरतालिका तीज पर सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. पूजा से पहले सुहागिन महिलाओं को सोलह श्रृंगार कर बालू या शुद्ध काली मिट्टी से शिव-पार्वती और गणेश जी की मूर्ति बनाना चाहिए. पूजा स्थल पर फुलेरा लगाकर केले के पत्तों से मंडप बनाना चाहिए. गौरी-शंकर की मूर्ति पूजा की चौकी पर स्थापित कर गंगाजल, पंचामृत से उनका अभिषेक करना चाहिए. गणेश जी को दूर्वा और जनेऊ चढ़ाकर शिव जी को चंदन, मौली, अक्षत, धतूरा, आंक के पुष्प, भस्म, गुलाल, अबीर, 16 प्रकार की पत्तियां आदि अर्पित करनी चाहिए. मां पार्वती को सुहाग की सामग्री चढ़ाना चाहिए और उसके बाद भगवान को खीर, फल सबका भोग लगाना चाहिए धूप, दीप लगाकर हरतालिका तीज व्रत की कथा सुनने के बाद आरती करनी चाहिए.