कुंडली में मंगल दोष के कारण और प्रभाव पर चर्चा की गई है. मंगल का लग्न, चर्तुथ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में होना मंगल दोष माना जाता है. हनुमान जी की कृपा से मंगल के बुरे प्रभाव दूर हो सकते हैं. मंगल दोष कुछ मामलों में लाभकारी भी हो सकता है, जैसे शक्ति और आत्मविश्वास बढ़ाने में.