होली से शुरू होकर पंचमी तक चलने वाला यह त्योहार पांच तत्वों के संतुलन का प्रतीक है. प्रकृति के पांच तत्व - पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश को संतुलित करने के लिए विभिन्न रंगों का प्रयोग किया जाता है. शिव, कृष्ण और राम से जुड़ी कथाओं के साथ होलिका दहन की परंपरा भी इस उत्सव का हिस्सा है. मथुरा-वृंदावन में 40 दिनों तक चलने वाला यह त्योहार भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है.