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भारत के लिए AzadiSat बनाने वाली लड़कियों ने रॉकेट के साथ कराया दमदार फोटोशूट

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 अक्टूबर 2022,
  • Updated 4:46 PM IST
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SpaceKidz India एक अनोखा फोटोशूट लेकर आया है जो भारत की शक्तिशाली कहानी और विज्ञान में उसके कौशल को दिखाता है. भारत ने आजादी के पिछले 75 वर्षों में विज्ञान और अंतरिक्ष की तरक्की में एक लंबा सफर तय किया है. भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर देशभर की 750 छात्राओं द्वारा बनाया गया क्यूबसैट लॉन्च किया गया था. हालांकि (इसरो) का पहला छोटा उपग्रह प्रक्षेपण यान SSLV-D1 अंतिम चरण में ‘डाटा लॉस’का शिकार हो गया था.

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इसरो और स्पेसकिड्ज इंडिया द्वारा की गई इस पहल का उद्देश्य लड़कियों को स्कूलों और उच्च शिक्षा में विज्ञान प्रौद्योगिकी इंजीनियरिंग गणित (एसटीईएम) लेने के लिए प्रेरित करना था. अब अपने एक फोटोशूट के जरिए आज़ादीसैट पर काम करने वाली छह छात्राओं की एक टीम ने स्पेसकिड्ज़ इंडिया के प्रमुख डॉ. श्रीमती केसन के साथ मिलकर यह संदेश दिया कि भारत न केवल संस्कृति का बल्कि विज्ञान का भी केंद्र है.

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आजादीसैट भारत भर की 750 छात्राओं द्वारा विकसित किया गया है. इसरो का मानना है कि इससे लड़कियों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित  पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाता है.

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आजादीसैट में काम करने वाली छह ग्रामीण युवा वैज्ञानिक इस फोटोशूट का हिस्सा हैं.

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आजादी सैट आठ किलो का क्यूबसैट है, इसमें 50 ग्राम औसत वजन के 75 उपकरण हैं. इन्हें ग्रामीण भारत के सरकारी स्कूलों की छात्राओं ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर इसरो के वैज्ञानिकों की मदद से बनाया है.