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World Science Day के मौके पर जानिए इन भारतीय महिला वैज्ञानिकों के बारे में, देश की तरक्की में दिया है महत्वपूर्ण योगदान

gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 10 नवंबर 2022,
  • Updated 5:21 PM IST
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हर साल 10 नवंबर को 'World Science Day' मनाया जाता है. विश्व विज्ञान दिवस शांति और विकास के लिए समाज में विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका और उभरते वैज्ञानिक मुद्दों पर जागरूक करता है. यह हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्व को भी रेखांकित करता है. भारत में बहुत से लोगों ने विज्ञान के लिए अपना जीवन समर्पित किया है. और आज इस खास दिन पर हम आपको बता रहे हैं देश की कुछ प्रमुख महिला वैज्ञानिकों के बारे में. (Photo: Unsplash)

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टेसी थॉमस को भारत की 'मिसाइल वुमन' के रूप में जाना जाता है. थॉमस एयरोनॉटिकल सिस्टम्स की महानिदेशक और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में अग्नि- IV मिसाइल के लिए पूर्व परियोजना निदेशक हैं. वह भारत में मिसाइल परियोजना का नेतृत्व करने वाली पहली महिला वैज्ञानिक हैं. थॉमस के पास मिसाइल गाइडेंस में डॉक्टरेट है और उन्होंने तीन दशकों से अधिक समय तक इस क्षेत्र में काम किया है. उन्हें 2001 में अग्नि आत्मनिर्भरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वह कई फेलोशिप और मानद डॉक्टरेट से सम्मानित की जा चुकी हैं. (Photo: Twitter)

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ऋतु करिधल, चंद्रयान -2 मिशन की मिशन डायरेक्टर हैं और उन्होंने भारत की सबसे महत्वाकांक्षी लुनार प्रोजेक्ट्स में से एक में अहम भूमिका निभायी है. 'रॉकेट वुमन ऑफ इंडिया' के नाम से जानी जाने वाली ऋतु 2007 में इसरो में शामिल हुईं और भारत के मार्स ऑर्बिटर मिशन, मंगलयान की उप संचालन निदेशक भी थीं. साल 2007 में, उन्हें भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से इसरो यंग साइंटिस्ट अवार्ड भी मिला था. (Photo: Twitter)
 

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मुथैया वनिता चंद्रयान-2 की प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैं. वह इसरो में इंटरप्लेनेटरी मिशन का नेतृत्व करने वाली पहली महिला हैं. उन्हें मिशन के एसोसिएट डायरेक्टर से प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पद पर पदोन्नत किया गया था. उन्होंने तीन दशकों से अधिक समय तक इसरो में काम किया है. साल 2006 में, उन्हें सर्वश्रेष्ठ महिला वैज्ञानिक का पुरस्कार मिला.(Photo: Twitter)

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गगनदीप कांग, एक वायरोलॉजिस्ट और साइंटिस्ट हैं. उन्हें भारत में बच्चों की आंतों के संक्रमण और उनके अनुक्रम के संचरण, विकास और रोकथाम में अपने अंतःविषय अनुसंधान के लिए जाना जाता है. उन्हें Fellow of the Royal Society (FRS) के रूप में चुना गया और यह सम्मान प्राप्त करने वाली पहली भारतीय महिला वैज्ञानिक हैं. गगनदीप ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (THSTI), फरीदाबाद की कार्यकारी निदेशक हैं, और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) दक्षिणपूर्व-एशिया के टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह के अध्यक्ष हैं. (Photo: Twitter)

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मंगला मणि को 'इसरो की ध्रुवीय महिला' (Polar woman of ISRO) के नाम से जाना जाता है. मंगला मणि अंटार्कटिका के बर्फीले लैंडस्केप में एक साल से ज्यादा समय बिताने वाली इसरो की पहली महिला वैज्ञानिक हैं. मिशन के लिए चुने जाने से पहले मणि ने कभी बर्फबारी का अनुभव नहीं किया था. नवंबर 2016 में, वह उस 23-सदस्यीय टीम का हिस्सा थीं, जो अंटार्कटिका में भारत के अनुसंधान केंद्र, भारती के लिए एक अभियान पर गई थी. उन्होंने इसरो के ग्राउंड स्टेशन के संचालन और रखरखाव के लिए सबसे दक्षिणी महाद्वीप में 403 दिन बिताए. (Photo: Twitter)