चांद के रहस्य से उठा पर्दा, 49 साल बाद मिशन अपोलो 17 के तहत लाए पत्थर की जांच से खुलासा

कंप्यूटर मॉडलिंग के जरिए, टीम ने यह निष्कर्ष निकाला कि सैंपल को अपनी प्रारंभिक पिघली हुई अवस्था से जमने में लगभग 2 करोड़ वर्ष लगे होंगे. कूलिंग का यह समय पिछले अनुमानों की तुलना में काफी कम है, जिसके अनुसार यह माना जाता है कि चांद की सतह को ठंडा होने में 10 करोड़ वर्ष लगे थे.

Moon Surface
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 16 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 3:44 PM IST
  • चांद की सतह को ठंडा होने में लगा होगा कम समय
  • और रिसर्च की है जरूरत 

विज्ञान की दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं होता. यह समय के साथ इसकी पुरानी मान्यताओं को झुठलाता रहा है. यह 1972 में अपोलो 17 मिशन के दौरान चंद्रमा से लाए गए एक चट्टान की जब दोबारा जांच की गई तो वैज्ञानिकों ने ये पाया कि यह उनके अनुमान से अधिक तेजी से ठंडा हो गया. चांद के बारे में हमारा अधिकांश ज्ञान आधी सदी पहले, नासा के अपोलो कार्यक्रम के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा लाए गए चट्टानों से मिला है, लेकिन इन चट्टानों से और भी नई जानकारी निकाली जा सकती है. ये सैंपल एक ग्रुप का हिस्सा है जिसे मैग्नेशियन सूट (एमजी-सूट) के रूप में जाना जाता है. 

चांद की सतह को ठंडा होने में लगा होगा कम समय 

उच्च-रिज़ॉल्यूशन स्पेशलाइज़्ड टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए, सैंपल को जांचने के बाद नेल्सन और उनकी टीम ने पाया कि इस सैंपल में फॉस्फोरस काफी असमान रूप से वितरित था. इससे पता चलता है कि चट्टान बहुत जल्दी ठंडी हो सकती है, क्योंकि फॉस्फोरस के पास चट्टान के भीतर समान रूप से फैलने से पहले उसके जमने का पर्याप्त समय नहीं था. फिर, कंप्यूटर मॉडलिंग के जरिए, टीम ने यह निष्कर्ष निकाला कि सैंपल को अपनी प्रारंभिक पिघली हुई अवस्था से जमने में लगभग 2 करोड़ वर्ष लगे होंगे. कूलिंग का यह समय पिछले अनुमानों की तुलना में काफी कम है, जिसके अनुसार यह माना जाता है कि चांद की सतह को ठंडा होने में 10 करोड़ वर्ष लगे थे.

और रिसर्च की है जरूरत 

ये चट्टानें चांद के सेकंडरी क्रस्ट बनाने वाले चट्टानों में से एक हैं. ये पत्थर चांद की सतह पर तब आए जब चंद्रमा का निचला क्रस्ट ऊपरी सतह पर चढ़ गया और क्रिस्टल के रूप में जम गया.
शोधकर्ताओं का कहना है, “परिणाम से पता चलता है कि चांद का प्रारंभिक विकास हमारी सोच से अधिक जटिल है”. हालांकि वे कहते हैं कि हमें यह निर्धारित करने के लिए और रिसर्च करने  की जरूरत है कि क्या ट्रोक्टोलाइट 76535 की कूलिंग हिस्ट्री पूरे एमजी-सूट का प्रतिनिधित्व करती है, क्योंकि अभी केवल एक सैंपल की दोबारा जांच की गई है. "यह अभी केवल एक सैंपल साइज़ है," नेल्सन ने कहा.

 

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