अग्निकुल कॉसमॉस ने एसडीएससी-एसएचएआर के भीतर अग्निकुल के अपने पहले रॉकेट अग्निबाण सॉर्टेड का सफल परीक्षण किया है. अंतरिक्ष स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस मंगलवार को ही अपने इस रॉकेट का परीक्षण करने वाला था लेकिन कुछ तकनीकी कारण की वजह से लॉन्चिंग से कुछ वक्त पहले ही परीक्षण को को टाल दिया गया था.
सिंगल पीस 3डी प्रिंटेड रॉकेट इंजन
यह मिशन स्वदेशी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास में कंपनी और देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. अग्निबाण सिंगल पीस 3डी प्रिंटेड रॉकेट इंजन के साथ दुनिया की पहली उड़ान होने के अलावा, सेमी क्रायोजेनिक इंजन के साथ भारत की पहली उड़ान भी है. ये एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसे इसरो ने अभी तक अपने किसी भी रॉकेट में इस्तेमाल नहीं किया है. इसे पूरी तरह से भारत में ही डिजाइन किया गया है और आईआईटी मद्रास में अग्निकुल की सुविधाओं में असेंबल किया गया है.
इसरो ने बताया मील का पत्थर
अग्निबाण के सफल परीक्षण पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चेन्नई स्थित अंतरिक्ष स्टार्ट-अप अग्निकुल कॉसमॉस को बधाई दी है. इसरो ने ट्विटर पर लिखा- 'अग्निबाण SoRTed-01 मिशन के लॉन्च पैड से सफल प्रक्षेपण के लिए अग्निकुल कॉसमॉस को बधाई. यह एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि एडिटिव मैन्यूफैक्चरिंग के जरिए से पहली बार सेमी-क्रायोजेनिक लिक्विड इंजन का कंट्रोल्ड परीक्षण संभव हुआ है.'
सिंगल स्टेज रॉकेट है अग्निबाण
अग्निकुल कॉसमोस (Agnikul Cosmos) का ये रॉकेट सिंगल स्टेज रॉकेट है. इसका इंजन पूरी तरह से थ्रीडी प्रिंटेड है. ये मिशन लॉन्च से लेकर स्प्लेशडाउन तक सिर्फ दो मिनट का समय लेगा. ये 6 किलोन्यूटन की ताकत पैदा करने वाला सेमी-क्रयोजेनिक इंजन है. इस रॉकेट को लॉन्च करने के लिए इसरो ने श्रीहरिकोटा में एक छोटा लॉन्च पैड बनाया है. जो स्टेट-ऑफ- द-आर्ट टेक्नोलॉजी से लैस है.
मद्रास के इस स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमोस (Agnikul Cosmos) में आनंद महिंद्रा ने निवेश किया है. आनंद महिंद्रा ने करीब 80.43 करोड़ रुपए की फंडिंग की है. उनके साथ ही इस कंपनी में सिलीकान वैली के शीर्ष निवेशक नवल रविकांत और बालाजी श्रीनिवासन ने भी अग्निकुल में निवेश किया है.