Alcohol consumption abundant in the natural world: इंसान ही नहीं! जानवर भी शराब पीने में पीछे नहीं, रिसर्च में दावा

अब तक यह माना जाता रहा है कि जानवरों का शराब पीना एक दुर्लभ घटना है. लेकिन हाल ही में हुई एक रिसर्च के अनुसार, जब आप गहराई से देखते हैं, तो ऐसा लगता है कि शराब का सेवन जानवरों के बीच भी काफी आम है.

Monkey eating fruits. (uyeda/Getty Images)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 6:23 PM IST
  • जानवरों के बीच आम है शराब का सेवन
  • जाने अनजाने में ही सही लेकिन जानकर पी लेते हैं शराब

इंसान शराब पीते हैं ये बात तो सभी जानते हैं लेकिन क्या आपको पता है जानवर भी इसके सेवन में पीछे नहीं हैं. यह सुनकर बेशक आपको थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन कई जानवर अनजाने में ही सही लेकिन शराब का सेवन कर लेते हैं. ऐसा नहीं है कि ये जानवर बोतल खोलकर जाम छलकाते हैं, बल्कि प्रकृति ने इनके लिए ऐसी स्थितियां तैयार की हैं जहां उन्हें शराब पीने की तरह अनुभव हो सकता है.

कभी बंदरों का तो कभी हाथियों का नशे में झूमना सुर्खियों में आ ही जाता है. लेकिन अब तक यह माना जाता रहा है कि जानवरों का शराब पीना एक दुर्लभ घटना है. लेकिन हाल ही में हुई एक रिसर्च के अनुसार, जब आप गहराई से देखते हैं, तो ऐसा लगता है कि शराब का सेवन जानवरों के बीच भी काफी आम है.

क्या है पूरा मामला
असल में, जिस तरह की शराब को हम इंसान पीते हैं. यानी एथेनॉल, वो नेचर में लाखों सालों से मौजूद है. यह प्रकृति में तब बनती है, जब फलों और फूलों में मौजूद शक्कर, खमीर (yeast) से होकर फरमेंटेशन से गुजरती है. रिसर्च के मुताबिक, खमीर कम से कम 10 करोड़ सालों से एथेनॉल बना रहे हैं. आज भी, इस तरह की शराब लगभग हर तरह के इकोसिस्टम में पाई जा सकती है. गर्म, ट्रॉपिकल इलाकों में मिलने वाले कुछ फलों में तो बहुत ज्यादा अल्कोहल होता है, और ये खासतौर पर वहां के जानवरों को अपनी ओर खींचते हैं.

क्या कहती है रिसर्च?
यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर की बायोलॉजिस्ट किम्बरली हॉकिन्स के अनुसार इस रिसर्च में पाया कि कुछ जानवरों के शरीर में शराब को पचाने के खास एंजाइम होते हैं, जो उन्हें इसे बेहतर तरीके से संभालने में मदद करते हैं. कुछ जानवर, जैसे कि चिंपैंजी, गोरिल्ला में इंसानों जैसे जीन पाया गया है, जो उनके पेट के एक खास एंजाइम को मजबूत बनाता है. वहीं, ट्रेश्रू जैसे जानवर के लिवर में भी एक खास तरह का एंजाइम बनता है, जो शराब को पचाने में उनकी मदद करता है. हाल ही में एक स्टडी में यह भी पाया गया कि ओरिएंटल हॉर्नेट नामक कीट बिना किसी नुकसान के काफी ज्यादा शराब पचा सकता है. इससे साफ होता है कि शराब का सेवन जानवरों के बीच बहुत ही आम बात है.

लेकिन एक सवाल अब भी बना हुआ है कि आखिर ये जानवर शराब की ओर आकर्षित क्यों होते हैं? जैसे इंसानों को नशे में मजा आता है, क्या जानवरों को भी वैसा ही एहसास होता है? जवाब अभी भी साफ नहीं है. ज्यादातर जानवरों को शायद इस बात का अंदाजा भी नहीं होता कि उनके खाने में अल्कोहल है. और वैसे भी, फर्मेन्टड फल ताजे फलों के मुकाबले कम पोषण देते हैं. तो फिर जानवर ऐसे फलों की ओर क्यों आकर्षित होते हैं? एक कारण यह हो सकता है कि उस समय उनके पास खाने के लिए इससे अच्छा विकल्प नहीं होता. दूसरी ओर, फर्मेन्टड फल शुगर से भरे रहते हैं, जिससे उन्हें थोड़ी एनर्जी मिलती है. कुछ जानवर शराब का इस्तेमाल दवाओं की तरह भी करते हैं. जैसे कि मक्खियां अपने अंडों को उन जगहों पर रखना पसंद करती हैं, जहां थोड़ी-बहुत शराब हो, ताकि उनके अंडों को परजीवियों (parasite) से बचाया जा सके.

क्या शराब की ओर जानवरों का रुझान प्राकृतिक है?
वैज्ञानिकों का मानना है कि जानवरों के शराब पीने का एक संभावित कारण उनके मस्तिष्क में उत्पन्न होने वाली डोपामाइन है. डोपामाइन एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो खुशी में सुख का एहसास कराता है. जब जानवरों के दिमाग में अल्कोहल पहुंचता है, तो डोपामाइन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे उन्हें खुशी का अनुभव होता है. हाथी जैसे जानवरों को खासकर ऐसे फलों की ओर आकर्षण होता है, जो फर्मेन्टड हो चुके हों.

क्या शराब जानवरों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है?
इंसानों की तरह जानवरों के लिए भी अधिक मात्रा में अल्कोहल का सेवन हानिकारक हो सकता है. हालांकि कई जानवरों का शरीर छोटी मात्रा में अल्कोहल को सहन कर सकता है, लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन उनके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है. उदाहरण के तौर पर देखें तो यदि कोई जानवर अधिक मात्रा में फर्मेन्टड फल खा लेता है तो उसे मांसपेशियों में कमजोरी और असामान्य व्यवहार का अनुभव हो सकता है.
 

 

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