एक नए प्रकाशित शोध में पाया गया कि मेगालोडन (megalodon),मैकेरल शार्क की एक विलुप्त प्रजाति जो लाखों साल पहले अस्तित्व में थी, किलर व्हेल के बराबर एक जीव को सिर्फ पांच बाइट में खा सकती थी. यह अध्ययन बुधवार को साइंस एडवांसेज जर्नल (Science Advances)में प्रकाशित हुआ. मेगालोडन के 3डी मॉडल का अध्ययन करने के बाद टीम ने जो निष्कर्ष निकाले उसके बारे में हम आज आपको बताएंगे.
(1.) नाक से पूंछ तक, मेगालोडन 50 फीट (16 मीटर) लंबा थी जोकि एक बस की लंबाई से भी ज्यादा है. इसका आकार आज की सफेद शार्क से दो से तीन गुना अधिक था.
(2.) यह तेज तैराक हुआ करती थी, जिसकी औसत क्रूसिंग स्पीड आज की शार्क की तुलना में अधिक थी. इस विशेषता के कारण, यह आसानी से महासागरों में प्रवास कर सकता थी.
(3.) मेगालोडन का वजन लगभग 70 टन होता था. दूसरे शब्दों में कहें तो इस शार्क प्रजाति का एक वयस्क सदस्य एक साथ 10 हाथियों जितना भारी था. इसका एक-एक दांत इंसान की मुट्ठी जितना बड़ा था.
(4.) यह अपना जबड़ा लगभग 6 फीट (2 मीटर) चौड़ा खोल सकती थी और इसलिए ये अन्य बड़े जीवों को अपना शिकार बनाती थी. बता दें कि ये भरे पेट के साथ, महीनों तक महासागरों में घूम सकती थी.
(5.) अध्ययन के सह-लेखक जॉन हचिंसन ने मेगालोडन को 'अपने इको सिस्टम पर हावी होने वाली सुपरप्रिडेटर' बताया. हचिंसन ने कहा कि वास्तव में इस प्राणी से कुछ भी मेल नहीं खा सकता है.
3D मॉडलिंग रिसर्च
तकनीक का उपयोग किया गया था क्योंकि मेगालोडन का कंकाल सॉफ्ट कार्टिलेज से बना होता है जो अच्छी तरह से जीवाश्म (fossilize)नहीं होता है. उपलब्ध जीवाश्मों का उपयोग करते हुए, मुख्य रूप से दांत और vertebrae का एक दुर्लभ संग्रह का इस्तेमाल किया गया. यह 1860 के दशक से बेल्जियम संग्रहालय में था. कंप्यूटर मॉडलिंग का उपयोग करके विलुप्त और सबसे बड़े ज्ञात मैक्रोप्रेडेटरी शार्क के पूरे शरीर के पुनर्निर्माण के लिए किया गया था.
शोधकर्ताओं ने कहा, "हमने कंकाल के चारों ओर 'मांस' जोड़कर मॉडल को पूरा किया, जिसमें सी कारचेरिया (ग्रेट वाइट शार्क) का पूरा शरीर स्कैन किया गया था."