Aditya l1 Mission: ISRO के नाम एक और बड़ी सफलता, Aditya L1 ने हेलो ऑर्बिट का पूरा किया पहला चक्कर... जानिए इसके बारे में

भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 ने हेलो कक्षा की अपनी पहली परिक्रमा पूरी कर ली है. एक चक्कर पूरा करने में इसे 178 दिन लगे. बता दें कि आदित्य-L1 अंतरिक्ष यान ने पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर परिक्रमा कर रहा है.

Aditya l1 Mission
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 03 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 9:02 AM IST

भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल 1 को लेकर बड़ी खुशखबरी है. आदित्य-एल1 ने हेलो कक्षा की अपनी पहली परिक्रमा पूरी कर ली है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक्स पर जानकारी देते हुए लिखा कि आज आदित्य-एल1 ने एल1 बिंदु के चारों ओर अपनी पहली हेलो कक्षा पूरी की. यान इसी साल 6 जनवरी को अपने निर्धारित स्थान लैग्रेंजियन बिंदु   (एल1) पर पहुंचा था. ISRO ने कहा कि 22 फरवरी और 7 जून को दो बार आदित्य-एल1 के मार्ग में फेरबदल किया गया ताकि एल1 के चारों ओर हेलो कक्षा में इसकी यात्रा जारी रहे.

पूरा करने में लगे 178 दिन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आदित्य-एल1 को लेकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है. हेलो कक्षा की परिक्रमा पूरा करने के बाद ISRO ने लिखा कि आदित्य-एल1 की पहली कक्षा पूरी होने का जश्न. आज आदित्य-एल1 ने एल1 बिंदु के चारों ओर अपनी पहली हेलो कक्षा पूरी कर ली है. इसे एक चक्कर पूरा करने में 178 दिन लगे. बता दें कि इस सौर मिशन के पीछे ISRO के कई उद्देश्य हैं. चलिए जानते हैं इसके बारे में.

क्या है आदित्य-एल1 का उद्देश्य

आदित्य-एल1 भारत का पहला सौर मिशन है. इसके कई उद्देश्य हैं. एक महत्वपूर्ण उद्देश्य सूर्य के बारे में अध्ययन करना है. इसके साथ ही पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले उपग्रहों की रक्षा में मदद करना है.

-आदित्य-एल1 सूरज से निकलने वाली गर्मी के साथ सूरज से निकलने वाली गर्म हवाओं की भी स्टडी करेगा. 

-सूरज से निकलने वाली हवाओं के तापमान की स्टडी करेगा.

-धरती के वायुमंडल पर सौर लहरों का क्या असर होता है इसकी स्टडी करेगा.

-सौर भूकंप क्यों आते हैं इसके आने की वजह क्या है इन चीजों को भी आदित्य-एल1 स्टडी करेगा.

-सूर्य के तूफानों और द्रव्य उत्सर्जन के बारे में जानकारी देगा ताकि इन खतरों से बचा जा सके.

 

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