आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर हर कोई चिंता में है कि एक दिन आएगा जब वह इंसानों की जगह ले लेगी. हालांकि, उसे टूल के तौर पर इस्तेमाल किया जाए तो इसका इस्तेमाल अपने फायदे के लिए किया जा सकता है. मेडिकल फील्ड में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल इसका जीता जागता उदाहरण है. हाल ही में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से 4 साल पहले ही एक महिला में ब्रेस्ट कैंसर का पता लगा लिया गया.
पहले ही लग जाएगा ब्रेस्ट कैंसर का पता
बताते चलें कि इस तकनीक की मदद से पहले ही ब्रेस्ट कैंसर के बारे में पता लगाया जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये तकनीक MIT (Massachusetts Institute of Technology) ने बनाई है. जहां अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप के अन्य देश इस तकनीक को अपने देश में आजमाने पर विचार कर रहे हैं. वर्तमान में हंगरी में इसका उपयोग किया जा रहा है, और अच्छे रिजल्ट भी मिल रहे हैं.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट कहती है कि ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने में इस एआई तकनीक से रेडियोलॉजिस्ट के काम में लगभग 30% की कमी आई है जबकि कैंसर की खोज दर में 13% की वृद्धि हुई है. जो एक तरह से गुड न्यूज है.
इसे एक टूल की तरह किया जा रहा है इस्तेमाल
हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक, अभी भी कई बाधाओं को दूर करना बाकी है. यह तकनीक जीवन बचा सकती है और चिकित्सकों के लिए एक उपयोगी टूल भी हो सकती है. लेकिन लॉडर ब्रेस्ट सेंटर के डॉ. लैरी नॉर्टन के अनुसार इसपर अभी और रिसर्च होनी बाकी है. डॉ. लैरी कहते हैं, "कंप्यूटर एआई का उपयोग तस्वीरों की जांच करने के लिए एक टूल के रूप में करते हैं और उनकी तुलना उन तस्वीरों से करते हैं जो उस बीमारी को डिटेक्ट करने के लिए उनके डिवाइस पर स्टोर की गई हैं. इसे कंप्यूटर-असिस्टेड डिटेक्शन के रूप में जाना जाता है.”