जलवायु परिवर्तन का असर! अमेजन के जंगलों में छोटे हो रहे पक्षी

यह अध्ययन दिखाता है कि कैसे इंसानों की वजह से जलवायु में हुए परिवर्तन जैव विविधता पर दूरगामी प्रभाव डाल रहे हैं. अमेजन वर्षावन में रहने वाले पक्षियों पर इसका साफ असर देखने को मिल रहा है.  

अमेजन के जंगलों में छोटे हो रहे पक्षी
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 15 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 7:51 AM IST
  • इंसानों की वजह से जलवायु में हुए परिवर्तन जैव विविधता पर असर डाल रहे हैं.
  • अमेजन के वर्षावन में रहने वाले पक्षियों का द्रव्यमान कम और पंख लंबे हो रहे हैं.

जलवायु परिवर्तन का असर ब्राजील के अमेजन वर्षावन में रहने वाले पक्षियों पर साफ देखने को मिल रहा है.  ये उष्णकटिबंधीय पक्षी सिकुड़ रहे हैं और उनके पंख लंबे हो रहे हैं क्योंकि वे जलवायु परिवर्तन के अनुकूल हैं. शोधकर्ताओं ने पिछले 40 सालों में 77 उष्णकटिबंधीय पक्षी प्रजातियों के आंकड़ों का अध्ययन किया और पाया कि उन सभी के शरीर का द्रव्यमान कम हो गया है, यानि कि वो छोटे हो रहे हैं. कुछ प्रजातियों का का वजन अपने वजन से प्रतिशत तक कम हो गया है.अध्ययन में शामिल  की गई प्रजातियों में से एक तिहाई के पंख भी लंबे हो गए.  

2019 में शिकागो, इलिनोइस में इमारतों में दुर्घटनाग्रस्त पक्षियों के एक ऐतिहासिक अध्ययन में पाया गया कि 40 साल में उनका आकार छोटा हो गया और पंख बढ़ गए थे, लेकिन वे प्रजातियां प्रवासी थीं. यह देखने के लिए कि क्या सीजनल प्रवासी पक्षी धीरे-धीरे अक्षांश बदल रहे हैं या मानव गतिविधियों के प्रत्यक्ष प्रभाव उन पर दिख रहे हैं. शोधकर्ताओं ने उत्तर-पश्चिम ब्राजील के मनौस शहर से कुछ दूर वर्षावन के एक पुराने हिस्से में रहने वाले 15,000 गैर-प्रवासी पक्षियों के रिकॉर्ड की जांच की.  

पक्षियों का वजन तेजी से कम हुआ 

कैलिफोर्निया के इंटीग्रल इकोलॉजी रिसर्च सेंटर में अध्ययन का नेतृत्व करने वाले Vitek Jirinec  का कहना है, "हम उनके शरीर में इन बदलावों को देखते हैं जो जलवायु परिवर्तन के कारण हुए हैं." बहुत सूखे या गीले मौसमों के बाद पक्षियों ने अधिक तेजी से वजन कम किया. यह उनके पर्यावरण में होने वाले परिवर्तनों के लिए एक अल्पकालिक प्रतिक्रिया हो सकती है. जैसे कि बारिश की कमी के कारण पक्षियों को खिलाने वाले कीड़ों की संख्या में गिरावट आती है. लेकिन एक तिहाई प्रजातियों में पंखों का फैलाव काफी बड़ा था.  

जलवायु परिवर्तन जैव विविधता पर असर डाल रहे हैं

एक ही प्रजाति के पक्षी और स्तनधारियों का आकार आमतौर पर उच्च अक्षांशों पर बड़ा होता है.  इसके पीछे प्रमुख सिद्धांत यह है कि उनका छोटा आकार उन्हें गर्मी को बेहतर ढंग से संरक्षित करने देता है. जिरिनेक का कहना है कि बड़े आकार की वजह से गर्म जलवायु में छोटे पक्षियों को ठंडा रहने में मदद मिलेगी. साथ ही इससे यह समझा जा सकेगा कि पक्षी छोटे क्यों हो रहे हैं. कैमिला गोमेज़, जोकि कोलंबिया में अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट जैविक संसाधन संस्थान में एक पक्षी विज्ञानी हैं, उनका कहना है, "यह अध्ययन स्पष्ट रूप से दिखाता है कि कैसे इंसानों की वजह से जलवायु में हुए परिवर्तन जैव विविधता पर दूरगामी प्रभाव डाल रहे हैं.  "इन देखे गए बदलावों के मुताबिक उष्णकटिबंधीय पक्षियों की आबादी में गिरावट देखी गई है, और यह देखा जा सकता है कि ये पारिस्थितिक तंत्र उनके पीछे कैसे काम करते हैं."

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