Robotic Fish: ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने बनाई रोबोट फिश, समंदर की गहराइयों की जानकारी हासिल करने में मिलेगी मदद

ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी रोबोट मछली का अविष्कार किया है, जो पानी के काफी अंदर तक जाकर जानकारी हासिल करने में मदद करेगी. ये एक लाइट वेट सस्ती डिवाइस है, जो तापमान परिवर्तन पर निर्भर करती है.

रोबोट फिश
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 27 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 2:19 PM IST
  • ट्विस्टेड और क्वॉइल्ड पॉलिमर से बनी है मछली
  • आसानी से मिलने वाले मटेरियल से बनती है मछली

पानी में प्रदूषण आज कल एक आम समस्या है. इसको लेकर आए दिन तरह-तरह के शोध और आविष्कार होते रहते हैं. हाल ही में ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने एक ऐसी रोबोटिक मछली बनाई है, पानी के अंदर किसी भी तरह की इन्वेस्टिगेशन करना आसान हो जाएगा. इस रोबोटिक फिश पानी में किसी जलीय जीव की तरह ही चलता है. 

ट्विस्टेड और क्वॉइल्ड पॉलिमर से बनी है मछली
ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बताया कि रोबोट मछली को आगे बढ़ने के लिए एक ट्विस्टेड और क्वॉइल्ड पॉलिमर की जरूरत होती है. ये एक लाइट वेट सस्ती डिवाइस है, जो तापमान परिवर्तन पर निर्भर करती है. बता दें कि रोबोटिक मछलियों का ये कॉन्सेप्ट कोई नया नहीं है. इससे पहले भी इस तरह की मछलियों को विकसित किया जा चुका है. करीब 40 प्रकार की अलग अलग ऐसी मछलियां विकसित की जा चुकी हैं. 

आसानी से मिलने वाले मटेरियल से बनती है मछली
ब्रिस्टल के इंजीनियरिंग गणित विभाग के प्रमुख लेखक त्सम लुंग यू ने कहा, "ट्विस्टेड एंड कॉइल्ड पॉलीमर (टीसीपी) एक्चुएटर एक होनहार नॉवेल एक्ट्यूएटर है, जो हल्के वजन, कम लागत, उच्च ऊर्जा घनत्व और एक सरल निर्माण प्रक्रिया के आकर्षक गुणों को प्रदर्शित करता है." ये काफी आसानी से मिलने वाले मटेरियल से बनाया गया है, और गर्म होने पर फैलता है. 

माइक्रोप्लास्टिक से मुक्ति दिलाएगी मछली
शोधकर्ताओं का मानना है कि ये रोबोटिक मछली माइक्रोप्लास्टिक से मुक्ति पाने में बहुत मददगार हो सकती हैं. इसके अलावा पानी के अंदर होने वाली सभी जरूरी इन्वेस्टीगेशन को भी ये मछली आसानी से कर सकती है.

 

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