Electric vehicle को चार्ज करने में नहीं लगेगा समय, NASA की इस स्पेस टेक्नोलॉजी से सिर्फ पांच मिनट में चार्ज हो जाएगी आपकी कार

इलेक्ट्रिक कारों को चार्ज करने में काफी ज्यादा समय लगता है. इसमें आपको 1 घंटा तक भी लग सकता है. हालांकि, नासा की स्पेस टेक्नोलॉजी ने इस टाइम को कम कर दिया है. इस टेक्नोलॉजी से कुल 5 मिनट का समय लगेगा.

Electric car charging
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 07 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 5:58 PM IST
  • पर्ड्यू युनिवर्सिटी में हुई है रिसर्च 
  • अभी चार्ज होने में लगता है काफी समय  

दुनिया भर में प्रदूषण को कम करने के लिए पेट्रोल और डीजल से हटकर इलेक्ट्रिक व्हीकल पर जोर दिया जा रहा है. हालांकि, इलेक्ट्रिक कर या स्कूटर के साथ सबसे बड़ी परेशानी है कि इसे कुछ-चकुछ समय के बाद चार्ज करना पड़ता है. जिसमें काफी समय लग जाता है. इसमें 20 से 30 मिनट भी लग सकती है. लेकिन जरा सोचिए अगर आप अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल को कुल 5 मिनट में चार्ज कर सकें तो?  ऐसा मुमकिन है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने कहा कि भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए नासा ने एक ऐसी टेक्नोलॉजी बनाई है, जो पृथ्वी पर सिर्फ पांच मिनट में एक इलेक्ट्रिक कार को चार्ज कर सकती है. 

पर्ड्यू युनिवर्सिटी में हुई है रिसर्च 

अमेरिका की पर्ड्यू युनिवर्सिटी (Purdue University) के शोधकर्ताओं ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS)) पर लंबी अवधि के माइक्रोग्रैविटी वातावरण में टू-फेज फ्लूइड फ्लो और हीट ट्रांसफर एक्सपेरिमेंट को इनेबल करने के लिए फ्लो बॉयलिंग एंड कंडेनसेशन एक्सपेरिमेंट (FBCE) विकसित किया है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस तकनीक के पृथ्वी पर भी एप्लीकेशन हो सकते हैं.

अभी चार्ज होने में लगता है काफी समय  

 मौजूदा समय की बात करें, तो चार्जिंग का टाइम अलग-अलग हो सकता है. सड़क के किनारे एक स्टेशन पर 20 मिनट से लेकर घर पर चार्जिंग स्टेशन का इस्तेमाल करने में घंटों लग जाते हैं. लंबे समय तक चार्ज करने का समय और चार्जर का स्थान दोनों ही उन लोगों के लिए बड़ी चिंता का विषय है जो इलेक्ट्रिक व्हीकल का इस्तेमाल करते हैं. गौरतलब है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए चार्जिंग समय को पांच मिनट तक करने लिए करीब  1400 एम्पीयर पर करंट देने की जरूरत होगी. 

इसके अपने नुकसान हैं 

हालांकि, इसके अपने नुकसान होंगे जैसे 1,400 एम्पीयर प्रदान करने वाले चार्जिंग सिस्टम मौजूदा सिस्टम की तुलना में काफी अधिक गर्मी पैदा करेंगे, और तापमान को नियंत्रित करने के लिए बेहतर तरीकों की जरूरत पड़ेगी. शोधकर्ताओं ने कहा, "इस नई तकनीक के इस्तेमाल से किसी वाहन को चार्ज करने में लगने वाले समय में कमी आएगी और इससे दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की राह में आने वाली प्रमुख बाधाओं में से एक को दूर किया जा सकेगा."

 

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