Chang'e-6 lunar Mission : चीन के सहारे चांद पर पहुंचने की कोशिश में लगा पाकिस्तान...अगले साल पाकिस्तान का पेलोड लेकर जाएगा चांग ई-6 मिशन, जानिए क्या है चीन का मून मिशन?

भारत के चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब चीन का चंद्रमा पर नया 'चांग'ई 6 मिशन' लॉन्च करने वाला है. चांग'ई 6 मिशन 2024 की पहली छमाही में चंद्रमा पर लॉन्च किया जाएगा.

Chang'e-6 mission
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 03 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 2:39 PM IST

भारत के चंद्रयान-3 मिशन के बाद चीन भी अपनी मून मिशन लॉन्च करने की तैयारी में है. देश की अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा है कि 2024 के लिए निर्धारित चीन का अगला चंद्र मिशन पाकिस्तान से भी एक पेलोड ले जाएगा. दोनों दोस्त अंतरिक्ष क्षेत्र में अपना सहयोग बढ़ाना चाह रहे हैं. चीन का चांग'ई-6 मिशन अभी रिसर्च फेज में है. ये 2024 में लॉन्च होगा. सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने चीन नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (सीएनएसए) के हवाले से शुक्रवार को बताया कि चांग-6 चंद्र मिशन वर्तमान में योजना के अनुसार अनुसंधान और विकास कार्य से गुजर रहा है.

चांग'ई-6 मिशन, जिसका प्रक्षेपण 2024 के आसपास निर्धारित है को चंद्रमा के सुदूर हिस्से से नमूने वापस लाने का काम सौंपा गया है. द ग्लोबल टाइम्स अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, आज तक मनुष्यों द्वारा किए गए सभी 10 चंद्र नमूना मिशन चंद्रमा के नजदीकी हिस्से पर हुए हैं. ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, इस मिशन का लक्ष्य चांद के दूर वाले हिस्से, जहां अंधेरा होता है वहां जाकर सैंपल इकट्ठा करके इन्हें धरती पर भेजना है. अभी तक चांद पर जा चुके सभी 10 लूनर मिशन पास वाले हिस्से पर ही पहुंचे हैं. ऐसे में अगर चीन का मिशन सफल होता है तो वो ऐसा करने वाला पहला देश बन जाएगा. इस मिशन का लक्ष्य चंद्र नमूनों को एकत्र करने के लिए दक्षिणी ध्रुव के एटकेन बेसिन पर उतरना है.

ये कैसे होगा संभव
चांग 'ई-6 साउथ पोल-एटकेन बेसिन पर लैंड करेगा. यह चांद के तीन सबसे बड़े और मुखअय जमीनी हिस्सों में से एक है जिसकी वजह से इसकी साइंटिफिक वैल्यू बहुत ज्यादा है.चीन ने दूसरे देशों के साथ स्पेस को-ऑपरेशन बढ़ाने और रिश्तों को मजबूत करने के लिए उनके पेलोड ले जाने की घोषणा की थी.चीनी स्पेस एजेंसी के मुताबिक, चांग'ई-6 फ्रांस का DORN रेडोन डिटेक्शन इंस्ट्रूमेंट, EU स्पेस एजेंसी का नेगेटिल आयन डिटेक्टर, इटली का लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर और पाकिस्तान की सैटेलाइट क्यूबसैट लेकर जाएगा. इससे पहले पाकिस्तान ने चीन के स्पेस स्टेशन टियानगोंग में रिसर्च के लिए कुछ बीज को भेजा था.चांग'ई-6 मिशन का लक्ष्य विभिन्न क्षेत्रों और युगों से चंद्र नमूनों का पता लगाने और एकत्र करने के लिए दक्षिणी ध्रुव-एटकेन बेसिन पर उतरना है.चांग'ई 6 के तहत कम्‍युनिकेशन को आसान बनाने के लिएऐ क्वेकियाओ 2 नाम के एक नए रिले सैटेलाइट को साल 2024 के फर्स्ट हाफ में चंद्रमा की कक्षा में तैनात किया जाएगा. चांग'ई 6 मिशन में चार कंपोनेंट ऑर्बिटर, लैंडर, एसेंडर और री-एंट्री मॉड्यूल होंगे.

क्या है क्यूबसैट?
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान का क्यूबसैट एक बेहद मिनिएचर सैटेलाइट है, जो आमतौर पर 1*1 फीट का चौकोर डिब्बा जैसा दिखता है. इस साल की शुरुआत में, पाकिस्तान ने पर्यावरण की दृष्टि से टॉलरेंट सीड्स पर शोध के लिए चीनी अंतरिक्ष स्टेशन, तियांगोंग को भी बीज भेजे थे. डॉन अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार इसी तरह, पाकिस्तान तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन के साथ-साथ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अधिक महत्वाकांक्षी चीन के नेतृत्व वाले बेस में शामिल होने के लिए एक औपचारिक समझौते की संभावना तलाश रहा है. पाकिस्तान तियांगोंग स्पेस स्टेशन के साथ-साथ चंद्रमा के साउथ पोल पर चीन के नेतृत्व वाले बेस में शामिल होने के लिए समझौता करने की कोशिश कर रहा है.

चंद्र का सुदूर भाग वह पक्ष है जो पृथ्वी से दूर की ओर है और इसे कभी-कभी "चंद्रमा का अंधकारमय पक्ष" भी कहा जाता है क्योंकि इसके बारे में बहुत कम जानकारी है.सिन्हुआ रिपोर्ट में कहा गया है कि चंद्रमा के दूर के हिस्से और पृथ्वी के बीच संचार का समर्थन करने के लिए, चीन 2024 की पहली छमाही में अपने नव विकसित रिले उपग्रह क्यूकियाओ -2, या मैगपाई ब्रिज -2 को लॉन्च करने की योजना बना रहा है.

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