जीन थेरेपी के बाद अब 18 महीने की बच्ची सुन सकती है. इंग्लैंड के ऑक्सफोर्डशायर की ओपल सैंडी (Opal Sandy) का जीन थेरेपी ट्रीटमेंट हुआ है. ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) की बदौलत अब ओपल बिना सहायता के सुन सकती है. ओपल इस ट्रीटमेंट को पाने वाली दुनिया की सबसे छोटी मरीज बन गई है.
सबसे छोटी मरीज हैं ओपल
ये जीन थेरेपी कैंब्रिज के एडेनब्रुक अस्पताल (Addenbrooke’s Hospital) में आयोजित की गई थी. इस अस्पताल में जीन थेरेपी ट्रीटमेंट से गुजरने वाली ओपल पहली मरीज बन गई हैं. ओपल ऑडिटरी न्यूरोपैथी नाम की बीमारी से पीड़ित थी. जिसके वजह से जन्म से ही ओपल सुन नहीं सकती थी. इस बीमारी में कान और ब्रेन के बीच की नसों में परेशानी आनी शुरू हो जाती है.
केवल 4 सप्ताह में सुनने लगी थीं ओपल
अपने दाहिने कान में जीन थेरेपी डालने के केवल चार सप्ताह के भीतर, ओपल आवाज सुनने लगी थीं. अब, ट्रीटमेंट के 24 सप्ताह बाद, डॉक्टरों ने पुष्टि की है कि ओपल को कान में फुसफुसाहट सहित नरम आवाज सुनाई देने लगी है. ये ट्रीटमेंट अपेक्षा से काफी ज्यादा रहा. जिसे लेकर ओपल के माता-पिता ने उसके जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए खुशी और आभार जताया है.
सफलता के पीछे की साइंस
डॉक्टरों ने ओपल को एक विशेष ट्रीटमेंट दिया जहां उन्होंने उसके कान में AAV1 नामक एक वायरस डाला. इस वायरस ने उसके कान के उस हिस्से को ठीक करने में मदद की जो उसे सुनने में मदद करता है. उन्होंने उसकी सुनने की क्षमता को और भी बेहतर बनाने के लिए उसके दूसरे कान में कॉकलियर इम्प्लांट नामक एक डिवाइस भी लगाया.
ट्रीटमेंट रहा सफल
ओपल के ट्रीटमेंट की सफलता ने मेडिकल इंडस्ट्री में एक नई आशा जगा दी है. ओपल के सफल ट्रीटमेंट ने मरीजों के लिए भी दरवाजे खोल दिए हैं. अब अगले पांच साल में 18 बच्चों पर ये परीक्षण किए जाने की उम्मीद है. इसके अलावा, ओपल के सफल ट्रीटमेंट के वैज्ञानिक डेटा को अमेरिकन सोसाइटी ऑफ जीन एंड सेल थेरेपी की वार्षिक बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा.
गौरतलब है कि जैसे-जैसे मेडिकल की दुनिया विकसित हो रही है वैसे-वैसे नए-नए ट्रीटमेंट आ रहे हैं. जीन थेरेपी की मदद अब भविष्य में वो लोग भी सुन सकेंगे जो जन्मजात इस बीमारी से जूझ रहे हैं.