इस इलेक्ट्रिक कार के आने से मिट जाएगा Pollution, चलने पर हवा से सोखती है कार्बन डाई ऑक्साइड

आइंडहोवन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के छात्रों की टीम ने एक अनोखी कार बनाई है. ये कार सौर उर्जा से चलती है और हवा से कार्बन डाई ऑक्साइड को सोख लेती है. इस कार में क्लीनट्रॉम लीथियम आयन बैटरी का उपयोग किया गया है.

Zero Emission Mobility (ZEM) car Source: Reuters
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 07 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 5:25 PM IST
  • ये कार सौर ऊर्जा से चलती है और हवा से कार्बन डाई ऑक्साइड को सोख लेती है.
  • कार में लगाए गए हैं 2 फिल्टर

पर्यावरण प्रदूषण से निपटने के लिए नीदरलैंड की आइंडहोवन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के छात्रों की टीम ने एक अनोखी कार बनाई है. ये कार सौर ऊर्जा से चलती है और हवा से कार्बन डाई ऑक्साइड को सोख लेती है. दरअसल दुनिया में जितना कार्बन उत्सर्जन होता है, उसके एक चौथाई का जिम्मेदार गाड़ियां हैं. पवन और सौर ऊर्जा स्त्रोतों से बिजली हासिल करने की प्रक्रिया में कम कार्बन का उत्सर्जन होता है. इस कार को जेम नाम दिया गया है. क्योंकि ये जीरो इमिशन मोबिलिटी व्हिकल है. छात्रों की दावा है कि सौर उर्जा से चलने के कारण यह कार प्रदूषण उत्सर्जित नहीं करेगी. 35 छात्रों की टीम ने मिलकर इसे तैयार किया है. इस कार में 22 किलोवॉट की मोटर लगाई गई है.

सूरज की रोशनी से चार्ज होती है लिथियम-आयन बैटरी

इस कार में क्लीनट्रॉम लीथियम आयन बैटरी का उपयोग किया गया है. लिथियम -आयन बैटरी सूरज की रोशनी से चार्ज होती है. लिथियम-आयन बैटरी चार-पांच घंटे तक पूरी क्षमता से एनर्जी स्टोर करने में सक्षम हैं. लिथियम-आयन बैटरी बहुत ही हल्की होती हैं और ये रिचार्जेबल भी हैं. इनका उपयोग मोबाइल फोन और लैपटॉप से लेकर इलेक्ट्रिक कारों तक, हर चीज में किया जाता है.

कार में लगाए गए हैं 2 फिल्टर

धरती पर कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए तेजी से लिथियम बैटरी का उपयोग किया जा रहा है. इस कार के अधिकतर पार्ट्स 3डी प्रिंटेड हैं. इस कार में दो फिल्टर भी लगाए गए हैं. यह कार 32 हजार किलोमीटर के सफर में 2 किलो कार्बन सोखती है. इस कार की छत पर सोलर पैनल लगाए गए हैं.

 

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