Standing Wheelchair: अपने काम के लिए दूसरों पर नहीं रहना पड़ेगा निर्भर, दिव्यांगजनों के लिए IIT मद्रास की बनाई इलेक्ट्रिक स्टैंडिंग व्हीलचेयर

Electric Standing Wheelchair: इसकी मदद से मरीज को चलने जैसा लचीलापन और आराम मिलेगा. नियोस्टैंड की मदद से मरीज देर तक बैठ या खड़ा हो सकता है. इसकी मदद से वे आराम से खड़े हो सकते हैं.

Neostand (Photo: PIB)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 21 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 2:21 PM IST
  • दिव्यांगजन होंगे सशक्त 
  • मरीजों को मिलेगा आराम

दिव्यांगजनों अब अपने अधिकतर कामों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास ((IIT मद्रास) ने भारत की सबसे अनुकूल इलेक्ट्रिक स्टैंडिंग व्हीलचेयर NeoStand पेश की है. स्वदेशी रूप से विकसित ये डिवाइस उन लोगों के लिए बनाया गया है जो लोग चलने-फिरने में सक्षम नहीं हैं. इस व्हीलचेयर की मदद से वे केवल एक बटन से ही खड़े हो सकते हैं या अगर खड़े हैं तो बैठ सकते हैं. इसके लिए उन्हें किसी दूसरे व्यक्ति की जरूरत नहीं पड़ेगी. 

दिव्यांगजन होंगे सशक्त 

NeoStand व्हीलचेयर की मदद से दिव्यांगजनों को सशक्त बनाया जा सकेगा. आईआईटी मद्रास में टीटीके सेंटर फॉर रिहैबिलिटेशन रिसर्च एंड डिवाइस डेवलपमेंट (R2D2) की प्रमुख प्रोफेसर सुजाता श्रीनिवासन के नेतृत्व में इसे बनाया गया है. अपने मोटराइज्ड स्टैंडिंग मैकेनिज्म और यूजर बेस्ड नेविगेशन के साथ, नियोस्टैंड व्हीलचेयर की मदद से दूसरे लोगों की आंखों के लेवल पर आकर बातचीत की जा सकती है. इसकी मदद से दिव्यांगजन आसानी से ऊंची सतहों तक पहुंच सकते हैं. 

मरीजों को मिलेगा आराम

बता दें, नियोस्टैंड एक कॉम्पैक्ट स्टैंडिंग व्हीलचेयर है. इसकी मदद से मरीज को चलने जैसा लचीलापन और आराम मिलेगा. नियोस्टैंड की मदद से मरीज देर तक बैठ या खड़ा हो सकता है. इसकी मदद से वे आराम से खड़े हो सकते हैं. इससे उन्हें जो शुरुआती समस्या आती है वो कम हो सकेगी.  

दरअसल, खड़े रहना काफी जरूरी होता है, इससे ब्लड सर्कुलेशन और पाचन ठीक रहता है. इसके लिए मरीज अक्सर दूसरों की मदद पर निर्भर होते हैं, लेकिन नियोस्टैंड की मदद से खुद ऐसा कर सकेंगे.

अधूरी जरूरतों को पूरा करना  

दरअसल, चलने-फिरने में अक्षम व्यक्तियों के लिए, खड़े होने की क्षमता केवल एक विलासिता नहीं है, बल्कि शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टि के लिए भी एक बुनियादी पहलू है. क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर के एसोसिएट मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. हेनरी प्रकाश, के मुताबिक, नियोस्टैंड जैसी सहायक टेक्नोलॉजी से लोगों को सशक्त किया जा सकता है. ये उनकी जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने का काम करेगा. 


 

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