20 साल में मंगल पर पूरा शहर बसाना चाहते हैं Elon Musk, जानें कैसे Mars पर रहेंगे लोग, क्या हो सकती हैं सुविधाएं

मंगल ग्रह पर जीवन की चुनौतियां बहुत बड़ी हैं. मंगल एक बंजर, ठंडा और काफी मुश्किल ग्रह है. यहां औसत तापमान माइनस 80 डिग्री फारेनहाइट, खतरनाक रेडिएशन और धूल भरी आंधियां हैं, जो महीनों तक चल सकती हैं.

Life on Mars (Representative Image/Unsplash)
अपूर्वा सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:53 AM IST
  • मंगल ग्रह पर रहने की होंगी कई चुनौतियां
  • मंगल ग्रह पर होगा घर

मंगल ग्रह पर एक शहर बनाने की एलन मस्क की इच्छा केवल एक साइंस फिक्शन नहीं रह गई है. स्पेसएक्स के सीईओ दो दशकों में ही मंगल पर पूरा शहर बनाने की सोच रहे हैं. अब से दो साल की शुरुआत में मंगल ग्रह पर मानव रहित स्टारशिप लॉन्च की जाएगी. 

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक हालिया पोस्ट में, एलन मस्क ने खुलासा किया कि पहली मानव रहित स्टारशिप दो साल में मंगल ग्रह पर लॉन्च की जाएगी. इसकी मदद से स्पेसक्राफ्ट के लैंडिंग सिस्टम की टेस्टिंग की जाएगी. जबकि नासा ने 2040 के दशक तक मंगल ग्रह पर इंसानों की लैंडिंग की योजना बनाई है. 

एलन मस्क के मुताबिक वह अगले दो दशकों में मंगल ग्रह पर एक शहर बसाने का विचार कर रहे हैं. ये एक आत्मनिर्भर शहर होगा जिसमें दस लाख लोगों तक रह सकेंगे.

लेकिन मंगल ग्रह का यह शहर कैसा दिखेगा? मनुष्य मंगल ग्रह का वातावरण कैसा होगा और किस तरह का जीवन लोग जी सकेंगे? 

मंगल ग्रह पर रहने की चुनौतियां
मंगल ग्रह पर जीवन की चुनौतियां बहुत बड़ी हैं. मंगल एक बंजर, ठंडा और काफी मुश्किल ग्रह है. यहां औसत तापमान माइनस 80 डिग्री फारेनहाइट, खतरनाक रेडिएशन और धूल भरी आंधियां हैं, जो महीनों तक चल सकती हैं. ग्रह का पतला वातावरण ज्यादातर कार्बन डाइऑक्साइड है, और पानी ढूंढना काफी मुश्किल है. 

इन मुश्किलों ओं को दूर करने के लिए, स्पेसएक्स और कई कंपनियां एलन मस्क और उनकी टीमें कई तरह के नए एक्विजमेंट पर काम कर रही हैं. इसमें सबसे पहला काम एक घर बनाना है जिससे इंसानों को रेडिएशन और ग्रह के ठंडे तापमान से बचाया जा सके. 

मंगल ग्रह पर कैसा होगा घर
स्पेसएक्स इंजीनियर काफी समय से गुंबद जैसे घर बनाने की संभावना तलाश रहे हैं जो मंगल के चरम वातावरण का सामना कर सकें. ये गुंबद रेडिएशन से बचाएंगे, रहने लायक तापमान बनाए रखेंगे और सांस लेने के लिए हवा भी देंगे. 

(फोटो- Unsplash)

न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कृषि से लेकर मनोरंजन तक सभी चीजें वहां होंगी. एलन मस्क ने न केवल इसके डिजाइन को लेकर काम करने पर जोर दिया है बल्कि वे चाहते हैं कि ये मार्शियन ग्रह सुंदर भी दिखे.

सतह के नीचे का काम द बोरिंग कंपनी करने वाली है. कंपनी की सुरंग बनाने की तकनीक है. इसका उपयोग अंडरग्राउंड घर या पानी और भोजन जैसी जरूरी चीजों को स्टोर करने के लिए किया जा सकता है. 

लोग कैसे जीवित रहेंगे? भोजन, पानी और बिजली?
मंगल ग्रह पर सबसे जरूरी है खाना, पानी और हवा. ऐसे में एलन मस्क का मानना है कि शुरुआती चरणों में ये सब चीजें धरती से भेजी जाएंगी. लेकिन फिर धीरे-धीरे इसपर काम किया जाएगा. 

पानी की आपूर्ति के लिए, स्पेसएक्स वैज्ञानिक मंगल ग्रह की सतह के नीचे से बर्फ निकालने के तरीकों की खोज कर रहे हैं. पानी को स्टोर करने, उसे फ़िल्टर करने के लिए मेथड खोजे जा रहे हैं. 

वहीं, खाने की बात करें तो कृषि मंगल ग्रह के जीवन का एक प्रमुख केंद्र बिंदु होगा. शुरुआत में जाने वाले लोगों के लिए धरती से पैक किए गए फ़ूड आइटम्स होंगे, लेकिन एलन मस्क के पास ग्रीनहाउस का कॉन्सेप्ट है. इससे मंगल ग्रह पर फसलें उगाने का प्लान है. स्पेसएक्स कथित तौर पर पौधे-आधारित प्रोटीन का पता लगाने के लिए इम्पॉसिबल फूड्स जैसी कंपनियों के साथ सहयोग कर रहा है जो मंगल ग्रह के लोगों के लिए एक परमानेंट फ़ूड सोर्स के रूप में काम कर सकता है. 

बिजली की बात करें, तो सोलर एनर्जी इतनी प्रभावी नहीं होगी. क्योंकि मंगल ग्रह सूर्य से बहुत दूर है. हालांकि, एलन मस्क ने ग्रह को गर्म करने के लिए थर्मोन्यूक्लियर विस्फोटों का उपयोग करने का प्रस्ताव दिया है. यह एक काफी विवादास्पद विचार है जिसका उद्देश्य छोटे, आर्टिफिशियल सूरज बनाकर मंगल ग्रह को भू-आकार देना है. 

(फोटो- Unsplash)

कैसे आ जा सकेंगे?
ट्रांसपोर्टेशन के लिए, एलन मस्क टेस्ला के साइबरट्रक के एक वर्जन का उपयोग करने का सोच रहे हैं. ये स्टील-पैनल होगा. इलेक्ट्रिक व्हीकल को मुश्किल परिस्थितियों का सामना करने के लिए डिज़ाइन किया जाएगा. ये मंगल के चट्टानी इलाके में नेविगेट करने के लिए डिजाइन किया गया है. 

मंगल और पृथ्वी के बीच संचार भी एक चुनौती होगी, ग्रहों की स्थिति के आधार पर सिग्नलों को हर दिशा में जाने में 5 से 20 मिनट तक का समय लगेगा. एलन मस्क के स्टारलिंक सैटेलाइट सिस्टम को मंगल ग्रह तक बढ़ाया जा सकता है, जिससे एक मंगल ग्रह का इंटरनेट तैयार होगा जो बसने वालों को एक-दूसरे और धरती के साथ संचार करने की अनुमति देगा.
 

क्या इंसान मंगल ग्रह पर बच्चे पैदा कर सकते हैं?
मंगल ग्रह पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इंसान स्पेस में रिप्रोडक्शन यानी बच्चे पैदा कर सकेंगे? स्पेसएक्स की मेडिकल टीमें एक्टिव रूप से इस मुद्दे पर स्टडी कर रहे हैं. प्रेग्नेंसी और डिलीवरी पर मंगल के कम गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव अभी भी किसी को नहीं पता है. मंगल ग्रह की पहली फ्लाइट में बच्चों को अनुमति नहीं दी जाएगी, जब कॉलोनी थोड़ी स्टेबल हो जाएगी तब फैमिली प्लानिंग पर काम होगा. 

हालांकि, मंगल ग्रह पर बायोइंजीनियरिंग का उपयोग किया जा सकता है. ये विचार काफी विवादास्पद है लेकिन एलन मस्क ने कई बार इसको लेकर जिक्र किया है. 

क्या यह सच में हो सकेगा?
आलोचकों का तर्क है कि मंगल ग्रह पर शहर बनाने का कांसेप्ट काफी आशावादी है. मंगल ग्रह पर एक शहर बनाने के लिए बहुत खर्चा, टेक्नीक और मानव संसाधनों की जरूरत होगी. लेकिन अगर ऐसा होता है तो यह इंसानों के लिए एक नए युग की शुरुआत करेगा. 


 

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