उपवास (Fasting) को पहले कैंसर, मोटापा और हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों को रोकने या मैनेज करने के लिए उपयोगी तरीका माना जाता था- लेकिन हाल ही में, चूहों पर हुई एक स्टडी के मुताबिक, लंबे समय तक उपवास करने से इम्यून सिस्टम खराब हो सकता है.
न्यूयॉर्क में माउंट सिनाई में Icahn School of Medicine में फ़िलिप स्वारस्की और उनके सहयोगियों ने 24 घंटे के लिए उपवास करने वाले पांच चूहों से ब्लड और टिश्यू के सैंपल्स का विश्लेषण किया. इन चूहों की तुलना उन चूहों से की गई जिन्हें नियमित आहार दिया गया था. ब्लड टेस्ट से पता चला कि उपवास करने वाले चूहों में औसतन मोनोसाइट्स की संख्या का 10 प्रतिशत से कम था - एक प्रकार की सफेद ब्लड सेल्स जो संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं.
खाने से बढ़ा मोनोसाइट्स का नंबर
बाद में, जब उपवास करने वाले चूहों को फिर से भोजन दिया गया, तो मोनोसाइट्स उनके ब्लड फ्लो में वापस आ गए. स्वारस्की कहते हैं कि उपवास करने पर मोनोसाइट्स हाइबरनेशन में चले जाते हैं और बॉन मैरो में रहते हैं और लंबे समय तक जीवित रहते हैं. इसलिए फिर से खाना खाने पर मोनोसाइट्स की संख्या ब्लड में बढ़ जाती है.
वैज्ञानिकों की टीम ने फेफड़ों को संक्रमित करने वाले जीवाणुओं को 45 चूहों को इंजेक्ट किया. इंजेक्शन से पहले तेईस चूहों ने 24 घंटे तक उपवास किया. इसके बाद रिसर्चर्स ने उन्हें खाना दिया. 72 घंटों के बाद, उपवास करने वाले लगभग 90 प्रतिशत चूहे मर गए, जबकि लगभग 60 प्रतिशत चूहे कभी उपवास नहीं करते थे, वे भी मर गए. हालांकि, उपवास वाले चूहों में सूजन का स्तर अधिक था. इससे पता चला कि लंबे समय तक उपवास प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को कम करता है.
क्या कहना है दूसरी स्टडीज का
हालांकि, कैलिफोर्निया में साल्क इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल स्टडीज में सच्चिदानंद पांडा का कहना है कि मनुष्यों के लिए सबसे आम उपवास 24 घंटे तक नहीं रहता है. वास्तव में, उनके अपने शोध से पता चला है कि 15 घंटे का उपवास चूहों में प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करता है.
फिर भी, स्वारस्की का कहना है कि जीवन में बहुत सी चीजों की तरह, संतुलन महत्वपूर्ण है. तो, जो चीज एक में फायदेमंद हो सकती है, वही दूसरे में अप्रत्याशित नकारात्मक प्रभाव ला सकती है.