अगले साल इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की क्रू में शामिल होने वाली जेसिका वाटकिंस पहली 'ब्लैक' महिला नासा एस्ट्रोनॉट (अंतरिक्ष यात्री) हैं. अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने मंगलवार को अपने आने वाले प्रोजेक्ट स्पेसएक्स क्रू-4 मिशन (SpaceX Crew-4 Mission) के लिए बतौर मिशन स्पेशलिस्ट जेसिका का नाम दिया है.
2017 में चुनी गई नासा एस्ट्रोनॉट:
अप्रैल 2022 में स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट से जेसिका और तीन अन्य एस्ट्रोनॉट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाएंगे. वहां पर यह टीम माइक्रोग्रेविटी लेबोरेटरी में छह महीने तक काम करेगी. साल 2017 में जेसिका को बतौर नासा एस्ट्रोनॉट चुना गया था.
जेसिका का कहना है कि उनके स्पेस स्टेशन में जाने से बहुत से 'ब्लैक' बच्चों को प्रेरणा मिलेगी. खासकर कि युवा लड़कियां प्रेरित होंगी कि वे भी आगे बढ़कर सफलता हासिल कर सकती हैं.
2000 में स्थापित हुआ था स्पेस स्टेशन:
जेसिका के साथ इस मिशन में शामिल होने वाले अन्य तीन साथियों में क्जेल लिंडग्रेन (Kjell Lindgren), रोबर्ट हिनेस (Robert Hines) और यूरोपियन स्पेस एजेंसी एस्ट्रोनॉट सामंथा क्रिस्टोफोर्रेटी (Samantha Cristoforreti) शामिल हैं. जेसिका ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से जियोलॉजिकल एंड एनवायर्नमेंटल साइंसेज में ग्रैजुएशन की है और कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी से जियोलॉजी से डॉक्टरेट की डिग्री की है.
साल 2000 में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की स्थापना के बाद अब तक सिर्फ 249 लोग ही इसमें गए हैं. जिनमें सिर्फ सात 'ब्लैक' नागरिक थे. ऐसे में, जेसिका की यह उपलब्धि बहुत बड़ी है. क्योंकि उन्हें देखकर अब और लोग भी आगे बढ़ने के बारे में सोच पाएंगे.