First-Ever Titanium Heart: अब इंसानों में लगाया गया टाइटेनियम से बना दिल! जानें कैसे करता है ये काम, असली हार्ट से किस तरह है अलग?

इस तरह के ट्रांसप्लांट से मरीजों के सामने डोनर खोजने का झंझट खत्म हो जाएगा. साथ ही उनका इलाज भी बिना किसी देरी के हो सकेगा. बता दें, इसके काम करने का तरीका दूसरे आर्टिफिशियल दिल से काफी अलग है. टाइटेनियम हार्ट एकदम अलग थ्योरी पर काम करता है.

टाइटेनियम से बना दिल (फोटो-bivacor)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 11:18 AM IST
  • टाइटेनियम से बना है दिल 
  • दूसरे आर्टिफिशियल हार्ट से है अलग 
  • इसे बनाने में लगे हैं 10 साल 

इंसानों में आर्टिफिशियल हार्ट ट्रांसप्लांट (Artificial Heart Transplant) को लेकर दुनियाभर में रिसर्च चल रही है. अब इसमें वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता हाथ लगी है. वैज्ञानिकों ने टाइटेनियम का दिल (Titanium Heart Transplast)  तैयार कर लिया है. टेक्सस हार्ट इंस्टिट्यूट (THI) का BiVACOR ने इस आर्टिफिशियल दिल को तैयार करने का काम किया है. ये आर्टिफिशियल दिल 12 लीटर प्रति मिनट की दर से ब्लड पंप करता है. 

टाइटेनियम से बना है दिल 
आर्टिफिशियल दिल एक मुट्ठी के आकार का है और इसे टाइटेनियम से तैयार किया गया है. डिवाइस के अंदर केवल एक ही पार्ट ऐसा है जो मूवमेंट करता है और वो है रोटर. डिवाइस को पावर देने वाला एक छोटा, बाहरी, पोर्टेबल कंट्रोलर है, जो रोगी के पेट से बाहर निकलता है. यह एक बाहर से कंट्रोल डिवाइस को कंट्रोल करता है और यह सुनिश्चित करता है कि यह सही ढंग से काम करे.

दूसरे आर्टिफिशियल हार्ट से है अलग 
इसके काम करने का तरीका दूसरे आर्टिफिशियल दिल से काफी अलग है. टाइटेनियम हार्ट एकदम अलग थ्योरी पर काम करता है. इस डिवाइस में फ्लेक्सिबल चैम्बर या पंपिंग डायाफ्राम नहीं हैं. इसके बजाय, यह शरीर से खून पंप करने के लिए एक चुंबकीय रोटर पर निर्भर करता है. इसका मतलब है कि इस आर्टिफिशियल हार्ट में चुंबकीय तत्व हैं जो इसे नॉर्मल हार्ट की तरह काम करने में मदद करते हैं. इससे ही शरीर के बाकी हिस्सों में खून पहुंचाया जाता है. 

इसे बनाने में लगे हैं 10 साल 
इस टाइटेनियम हार्ट को बनाने में 10 साल का समय लगा है. BiVACOR की टीम ने डिवाइस को बेहतर बनाने के लिए कई डिजाइन बनाए और जानवरों पर इसकी स्टडी की. आखिरकार कड़ी मेहनत सफल हुई. टेक्सास हार्ट इंस्टीट्यूट के सहयोग से बायलर सेंट ल्यूक मेडिकल सेंटर में एक जीवित रोगी में इसे ट्रांसप्लांट कर दिया गया है. 

टाइटेनियम से बना दिल (फोटो-bivacor)

हार्ट डोनर ढूंढना है बड़ा काम 
दरअसल, मौजूदा समय में हार्ट फेलियर में हार्ट ट्रांसप्लांट करना ही सबसे अच्छा ऑप्शन होता है. लेकिन हार्ट डोनर मिल पाना इतना आसान काम नहीं है. ये काफी मुश्किल होता है. हर साल, दुनिया भर में 6,000 से भी कम हार्ट ट्रांसप्लांट किए जाते हैं. ऐसे में इस तरह के आर्टिफिशियल हार्ट कहीं न कहीं मरीजों की जिंदगी को आसान बना सकते हैं.  


 

Read more!

RECOMMENDED