आज चांद पर उतरने का प्रयास करेगा दुनिया का पहला निजी लैंडर...चंद्रमा के बारे में मिलेंगी छोटी से बड़ी डिटेल

अगर सब ठीक रहा, तो मंगलवार (25 अप्रैल) विश्व अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय खोलेगा. 25 अप्रैल की रात दूसरा निजी चंद्र मिशन और संयुक्त अरब अमीरात द्वारा पहला, चंद्रमा के एटलस क्रेटर पर उतरेगा.

25 अप्रेल को चांद पर उतरने की कोशिश करेगा लैंडर (Photo: ispace)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 25 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 1:17 PM IST

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राशिद रोवर को ले जाने वाला एक जापानी निर्मित अंतरिक्ष यान आज चंद्रमा पर उतरने का प्रयास करेगा. अगर ये सफल होता है तो, HAKUTO-R मिशन 1 (M1) चंद्र लैंडिंग को पूरा करने वाला पहला व्यावसायिक मिशन होगा और यह देश की चंद्रमा की सतह पर पहली यात्रा होगी.

जापानी कंपनी का कमाल
अब तक, संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ और चीन से केवल सरकार के नेतृत्व वाले मिशन सफलतापूर्वक चंद्रमा पर उतरे हैं. M1 लैंडर - टोक्यो स्थित फर्म ispace द्वारा बनाया गया जोकि इस साल उड़ने वाली कई कमर्शियल चंद्र यात्राओं में से पहला है. M1 को 11 दिसंबर 2022 को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट में लॉन्च किया गया था. 21 मार्च को इसने चंद्र कक्षा में प्रवेश किया था. बोर्ड पर लगे रोवर पहले से अज्ञात स्थान पर चंद्र मिट्टी और भूविज्ञान का अध्ययन करेंगे.

क्या हो सकती हैं अन्य तारीख?
पहला निजी मिशन स्पेस आईएल द्वारा संचालित इज़राइल के बेरेशीट लैंडर द्वारा किया गया था, लेकिन वह पूरी तरह से सफल नहीं था. 11 अप्रैल, 2019 को लैंडिंग के दौरान संचार खो गया था. अब जापानी फर्म आईस्पेस द्वारा संचालित दूसरा निजी चंद्रमा मिशन, HAKUTO-R पूरी तरह से तैयार है. यह 25 अप्रैल की रात 10.10 से 11.10 के बीच उतरने की कोशिश करेगा. रोवर के साथ हकुता आर को 11 दिसंबर, 2022 को स्पेस एक्स फाल्कन 9 रॉकेट पर लॉन्च किया गया था. इसके अलावा रोवर, हकोतो आर में एक म्यूजिक डिस्क भी है जिसमें सोराटो गाना है. इसे जापानी रॉक बैंड सकनैक्शन ने गाया है. वैकल्पिक लैंडिंग तिथियां 26 अप्रैल, 1 मई और 3 मई हैं.

लगे हैं कई सारे कैमरे
संयुक्त अरब अमीरात के मोहम्मद बिन राशिद स्पेस सेंटर का एक उत्पाद 10 किलो राशिद रोवर, दो हाई-रिजॉल्यूशन कैमरों से लैस है, छोटी से छोटी डिटेल को पकड़ने के लिए इसमें एक माइक्रोस्कोपिक कैमरा और एक थर्मल इमेजिंग कैमरा लगा हुआ है. इसमें लैंगमुइर प्रोब भी है, जो चंद्रमा के प्लाज्मा का अध्ययन करेगा और यह समझाने का प्रयास करेगा कि चंद्रमा की धूल इतनी चिपचिपी क्यों है. एक चंद्र दिवस या 14 पृथ्वी दिनों के मिशन अवधि के साथ, रोवर चंद्रमा की सतह पर गतिशीलता का भी अध्ययन करेगा और यह भी अध्ययन करेगा कि विभिन्न सतहें चंद्र कणों के साथ कैसे संपर्क करती हैं.

 

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