Sunita Williams stuck in space: खाने से लेकर सोने तक… स्पेस में कैसे रह रही हैं सुनीता विलियम्स? क्या-क्या मिल रही हैं सुविधाएं 

स्पेस स्टेशन में सभी आपूर्ति का सामान रखा गया है. इसमें पर्याप्त भोजन, पानी और ऑक्सीजन है. स्पेस स्टेशन में अंतरिक्ष यात्रियों की छोड़ी गई कार्बन डाइऑक्साइड से ऑक्सीजन पैदा करने वाला सिस्टम है. लगभग आधी ऑक्सीजन कार्बन डाइऑक्साइड से कन्वर्ट होकर मिल जाती है. 

Sunita Williams
अपूर्वा सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 11 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 3:05 PM IST

Sci-Fi मूवीज में अक्सर एस्ट्रोनॉट स्पेस में फंस जाते हैं. उन्हें पता नहीं होता है कि वे वहां से कब और कैसे निकलेंगे. कुछ ऐसा ही असल जिंदगी में हुआ है. अंतरिक्ष यात्री सुनीता "सुनी" विलियम्स और कमांडर बैरी "बुच" विल्मोर भी अंतरिक्ष में फंसे हैं. वे काफी समय से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में हैं. 

दरअसल, जून में सुनीता विलियम्स और कमांडर बैरी विल्मोर बोइंग के नए स्पेसक्राफ्ट, स्टारलाइनर पर सवार होकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे थे. इन दोनों को इस नए स्पेसक्राफ्ट का काम सौंपा गया था. लेकिन,  दुर्भाग्य से स्टारलाइनर को कुछ गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा. ISS के साथ डॉक करने से पहले इसमें हीलियम लीक और इसके थ्रस्टर्स में समस्याएं सामने आई. अब इससे यह चिंता बढ़ गई है कि क्या ये स्पेसक्राफ्ट धरती पर अपनी वापसी यात्रा के लिए सुरक्षित है या नहीं?

एस्ट्रोनॉट को नहीं है खतरा 
स्टारलाइनर बनाने वाली कंपनी बोइंग का कहना है कि एस्ट्रोनॉट को कोई खतरा नहीं है. स्पेसक्राफ्ट उन्हें सुरक्षित वापस ला सकता है. हालांकि, नासा इसके बजाय स्पेसएक्स फ्लाइट का उपयोग करके उन्हें घर लाने की एक वैकल्पिक योजना पर विचार कर रहा है. शुरुआत में, सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर को केवल आठ दिनों के लिए स्पेस में भेजा गया था. लेकिन अब, इन समस्याओं के कारण उन्हें अगली फरवरी यानी 2025 तक रुकने की सलाह दी गई है. 

स्पेस स्टेशन में क्या-क्या सुविधाएं हैं? 
बता दें, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष में ही एक जगह है. ये एक छोर से दूसरे छोर तक लगभग 356 फीट (109 मीटर) तक फैला हुआ है. स्पेस स्टेशन को अंतरिक्ष यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसमें स्पेस क्रू के सोने के लिए क्वार्टर, दो बाथरूम, एक जिम और एक 360-डिग्री बे विंडो शामिल है. 

इन सुविधाओं के बावजूद, ISS पर रहना उतना शानदार नहीं है जितना लगता है. स्पेस स्टेशन में एक समय में आठ अंतरिक्ष यात्री ही रह सकते हैं. 

सभी सामान है स्पेस स्टेशन में
स्पेस स्टेशन में सभी आपूर्ति का सामान रखा गया है. इसमें पर्याप्त भोजन, पानी और ऑक्सीजन है. स्पेस स्टेशन में अंतरिक्ष यात्रियों की छोड़ी गई कार्बन डाइऑक्साइड से ऑक्सीजन पैदा करने वाला सिस्टम है. लगभग आधी ऑक्सीजन कार्बन डाइऑक्साइड से कन्वर्ट होकर मिल जाती है. वहीं अगर पानी की बात करें तो एस्ट्रोनॉट पेशाब से पीने के पानी में बदलने वाले सिस्टम का उपयोग करते हैं. 

आईएसएस पर भोजन पौष्टिक और स्वादिष्ट दोनों तरह से तैयार किया जाता है. ज्यादातर खाना डीहाइड्रेटेड होता है, जिसे खाने से पहले  उसमें पानी डालकर हाइड्रेट किया जाता है. या फिर ऐसा खाना होता है जिसे केवल गर्म करने की जरूरत पड़ती है. मेन्यू में बारबेक्यूड बीफ ब्रिस्केट, अंडे, सब्जियां, ब्रेड और यहां तक ​​कि कुछ स्वीट आइटम शामिल होते हैं. अंतरिक्ष यात्री अपने पसंदीदा फूड के लिए भी अनुरोध कर सकते हैं. 

कैसे सोते हैं एस्ट्रोनॉट?
अंतरिक्ष यात्रियों के पास अलग-अलग तरह के टॉयलेट पेपर और वाइप्स के साथ-साथ टूथब्रश और टूथपेस्ट के साथ टॉयलेटरी किट भी होती है. इसमें हेयरब्रश भी शामिल हैं. 

वहीं अगर सोने की बात करें, तो ISS पर सोने की व्यवस्था धरती से काफी अलग है. गुरुत्वाकर्षण के बिना, अंतरिक्ष यात्री किसी भी सतह पर सो सकते हैं - फर्श, दीवार, या यहां तक कि छत पर भी. आईएसएस में फोन बूथ के आकार के स्लीपिंग स्टेशन हैं. हर स्टेशन में एक स्लीपिंग बैग और एक तकिया शामिल होता है. 

मानसिक और शारीरिक सेहत का कैसे ख्याल रखते हैं? 
सुनीता विलियम्स और कमांडर बैरी विल्मोर दोनों अनुभवी एस्ट्रोनॉट हैं. ये पहले भी कई स्पेस मिशन पूरे कर चुके हैं. उनके अनुभव के बावजूद, उन्हें शारीरिक से लेकर मनोवैज्ञानिक दोनों तरह की चुनौतियां आ सकती हैं. ऐसे में मांसपेशियों और हड्डियों के नुकसान को रोकने के लिए उनके लिए एक्सरसाइज डिजाइन की गई है. साथ ही साइकोलॉजिकल मदद भी दी जा रही है. 


 

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